साइबर क्रिमिनल्स का गढ़ बन रहा हरियाणा का फिरोजपुर झिरका

'अपना टाइम आएगा' नाम से सक्रिय है साइबर क्रिमिनल्स का ग्रुप

साइबर क्राइम से लेकर लूटपाट की घटनाओं में भी शामिल रहते है सदस्य

Meerut. हरियाणा के नूह (मेवात) जिले का कस्बा है फिरोजपुर झिरका. करीब 10 लाख की आबादी वाले मुस्लिम बाहुल्य इस कस्बे के आसपास के गांवों में कई अराजक गतिविधियों का संचालन हो रहा है. पुलिस के मुताबिक फिरोजपुर झिरका से सटे गांव रिगड़ और रनियाला फिरोजपुर साइबर क्रिमिनल्स का बड़ा ठिकाना है. साइबर क्रिमिनल्स ने इन गांवों में अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस एक्सचेंज और कॉल सेंटर बना रखे हैं. दिल्ली-यूपी बार्डर से सटा यह क्षेत्र संगठित अपराध के लिए कुख्यात है. आम बोलचाल की भाषा में इन्हें टटलू गैंग भी कहते हैं.

'अपना टाइम आएगा' गैंग

ऑनलाइन प्लेटफार्म ओएलएक्स पर सेना के जवान के नाम पर ठगी के आरोप में 9 मुकदमे मेरठ जनपद के विभिन्न थाना क्षेत्रों में दर्ज किए गए. साइबर सेल की तफ्तीश में निकलकर आया कि आर्मी के नाम और आईडी का दुरुपयोग कर फिरोजपुर झिरका के 'अपना टाइम आएगा' गैंग ने ऑनलाइन ठगी कर लाखों रुपये हड़प लिए. पीडि़तों को इस गैंग ने सस्ते दामों पर बुलेट और कार देने का प्रलोभन देकर फंसाया था. एसएसपी नितिन तिवारी ने बताया कि फिरोजपुर झिरका एवं आसपास के गांवों में सक्रिय युवाओं का यह गैंग अब ऑनलाइन ठगी की घटनाओं को अंजाम दे रहा है. कम पढ़े-लिखे युवा इस गैंग के सदस्य हैं और साइबर क्रिमिनल की तरह ही काम काम को अंजाम देते हैं. ये फेसबुक-व्हाट्सऐप समेत अन्य सोशल प्लेटफार्म से आर्मी के जवान की फोटो और आईडी चोरी कर उसे ओएलएक्स पर यूज करते हैं. दरअसल, लोगों के मन में फौज के जवान के लिए सम्मान है इसलिए वे आसानी से गैंग के झांसे में आ जाते हैं. 'अपना टाइम आएगा' के नाम से चर्चित यह कुख्यात गैंग ऑनलाइन ठगी के साथ-साथ राहजनी और छिनैती की वारदातों को भी अंजाम दे रहा है.

टटलू गैंग से साइबर क्रिमिनल तक

एसएसपी नितिन तिवारी ने बताया कि कल तक टटलू गैंग के नाम से फेमस यह संगठित अपराधी आज साइबर क्राइम में भी आगे हैं. गत दो माह में आर्मी के जवानों की फोटो आईडी का इस्तेमाल कर मेरठ जनपद से ही 9 लोगों से ओएलएक्स कंपनी के ओपन के लेटफार्म पर ऑनलाइन खरीद-फरोख्त के नाम पर लाखों रुपये की ठगी की गई. कुछ ग्राहकों से ऑनलाइन रकम पेटीएम खातों में ट्रांसफर करा ली तो कुछ को फंसाकर अपने ठिकाने पर बुलाया और बंधक बनाकर मारपीट व लूटपाट की. एसएसपी ने बताया ये क्रिमिनल कभी-कभी तो पुलिस पर भी हमला कर देते हैं. हरियाणा के नूह जनपद और आसपास के सटे क्षेत्र जैसे-फिरोजपुर झिरका, पलवल, अलवर, यूपी के मथुरा, राजस्थान के भरतपुर में इन संगठित अपराधियों के गैंग हैं. उन्होंने सावधान करते हुए कहा कि किसी भी तरह की ऑनलाइन खरीददारी के दौरान इन जनपदों के किसी भी व्यक्ति के झांसे में न आएं.

हरियाणा के नूह, भरतपुर, पलवल, मथुरा, अलवर आदि शहरों एवं उसके आसपास टटलू गिरोह सक्रिय है. लूटपाट और छिनैती के अलावा ये संगठित गैंग ऑनलाइन ठगी की वारदातों को भी अंजाम दे रहे हैं. ओएलएक्स पर मेरठ जनपद के 9 पीडि़तों के साथ ठगी के मामले सामने आए हैं. पुलिस धरपकड़ कर रही है.

नितिन तिवारी, एसएसपी, मेरठ

खाते से उड़ाए 1.70 करोड़, दो आरोपी दबोचे

दिल्ली में बैठकर साइबर क्रिमिनल खाते पर नजर रख रहे थे एक कंपनी के अकाउंट से 1.70 करोड़ रुपए खाते से निकाल लिया. हैकर्स ने कंपनी का मोबाइल नंबर और ई-मेल आईडी को हैक करके क्राइम को अंजाम दिया. पीडि़त ने शिकायत बैंक से की थी तो वहीं मोबाइल कंपनी को भी आगाह किया था कि उसके नंबर का दुरुपयोग हो सकता है. फिलहाल पुलिस ने दो साइबर क्रिमिनल को पकड़ा है, किंतु ये इस बड़े गैंग के 'कूरियर' भर हैं. दिल्ली में बैठे मुख्य आरोपियों की धरपकड़ के लिए पुलिस दबिश दे रही है.

मोबाइल और आईडी को किया हैक

4 सितंबर 2018 को मेरठ के थाना सदर में सारू सिल्वर अलायन्ज प्राइवेट लिमिटेड के ऑनर प्रवीण कुमार, निवासी-3 सारूनगर, सरधना रोड ने एक मुकदमा दर्ज कराया. धोखाधड़ी और आईटी एक्ट में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ दर्ज मुकदमे में पीडि़त ने आरोप लगाया कि उसकी कंपनी के खाते से किसी ने 1,70,56,000 रुपए निकाल लिए हैं. तत्कालीन एसएसपी के निर्देश पर एसपी क्राइम, एसपी सिटी और एएसपी कैंट के नेतृत्व में टीम ने तफ्तीश शुरू की. घटना के 8 माह बाद साइबर सेल की मदद से दो आरोपियों को पुलिस ने पकड़ा. पुलिस लाइन्स सभागार में आयोजित प्रेसवार्ता में एसएसपी नितिन तिवारी ने बताया कि साइबर क्रिमिनल्स ने पीडि़त के मोबाइल नंबर और ई-मेल आईडी को हैक कर अपराध को अंजाम दिया है.

मौका मिलते ही किया हाथ साफ

एसएसपी ने बताया कि साइबर क्रिमिनल का गैंग दिल्ली में बैठकर पीडि़त और उसके अकाउंट की रेकी कर रहा था. पड़ताल में निकलकर आया कि पीडि़त प्रवीण कुमार का वह मोबाइल नंबर बंद हो गया जिससे उसकी कंपनी को खाता अटैच था. एक ओर पीडि़त ने मोबाइल कंपनी को अपना नंबर बंद होने की जानकारी दी तो वहीं दूसरी ओर साइबर क्रिमिनल्स ने अपना काम शुरू कर दिया. हैकर्स ने उसके दस्तावेजों को हैक कर फेक आईडी लगाकर पीडि़त का मोबाइल नंबर कंपनी से एक्टीवेट करा लिया. क्योंकि यह मोबाइल नंबर कंपनी के एकाउंट से अटैच था सो एकाउंट की सभी इनफार्मेशन अब हैकर के पास पहुंच रहीं थी. इतना ही नहीं हैकर ने बैंक एकाउंट के साथ अटैच ई-मेल आईडी को हैक कर दिया और मामूली रद्दोबदल के साथ बैंक में एकाउंट के साथ अटैच कर दिया.

अकाउंट आपका, ऑपरेटर बने हैकर

एसएसपी ने बताया कि मोबाइल नंबर और ई-मेल आईडी को हैक करने के बाद कंपनी का एकाउंट ऑनर तो कंपनी का मालिक प्रवीण बना रहा किंतु ऑपरेटर दिल्ली में बैठे हैकर्स हो गए. साइबर क्रिमिनल आसानी से कंपनी के खातों को रन कर रहे थे जिसकी कंपनी के ऑनर को भनक तक नहीं लगी. एसएसपी ने बताया कि कंपनी में हो रहे ट्रांजिक्शन की जानकारी न मिलने पर एक-दो बार ऑनर प्रवीण ने बैंक में शिकायत भी की किंतु सुनवाई नहीं हुई और बैंककर्मियों ने उनके अंदेशे को नजरअंदाज कर दिया. यही नहीं मोबाइल कंपनी के सामने भी प्रवीण ने अपने मोबाइल नंबर के दुरुपयोग होने का अंदेशा जताया था जिसे भी नजरअंदाज कर दिया गया. एक ओर पीडि़त बेखबर था तो वहीं दूसरी ओर साइबर क्रिमिनल ने खाते को खाली करना शुरू कर दिया.

फेक अकाउंट में ट्रांसफर कराई रकम

एसएसपी ने बताया कि साइबर क्रिमिनल्स ने कई फेक एकाउंट बना लिए थे और इन्हीं में 1.70 लाख रुपए रकम ट्रांसफर कर दी थी. ये फेक अकाउंट साइबर क्रिमिनल्स से प्रलोभन देकर लोगों से हथियाए थे. एसएसपी ने बताया कि शनिवार को पुलिस और साइबर सेल ने भैंसाली बस अड्डे से दो साइबर क्रिमिनल नैनीताल निवासी गौरव सोनी और गाजियाबाद निवासी नितिन चौहान को पकड़ा है. दोनों आरोपियों के पास से पुलिस को अलग-अलग बैंकों की अलग-अलग नामों से चेक बुक, दर्जनों की संख्या में एटीएम कार्ड, आईडी कार्ड मिले हैं. एसएसपी ने बताया कि पकड़े साइबर क्रिमिनल अंतराज्यीय गैंग के लिए 'कूरियर' का काम कर रहे थे, सरगना समेत गैंग के सदस्य दिल्ली में बैठकर ऑनलाइन धोखाधड़ी को अंजाम दे रहे हैं.