- कई बार निर्दलीय जीत कर राजनीतिक पहलवानी दिखा चुके हैं ददन पहलवान

- जेडीयू में हुए शामिल, डुमरांव से टिकट की मिलने की है उम्मीद

PATNA: जेडीयू को अब बिहार में पहलवान की जरूरत है। ददन यादव पहलवान कहे जाते हैं। पहलवानी का शौक रखने वाले ददन अब जेडीयू के लिए राजनीतिक पहलवानी करेंगे। वे शुक्रवार को जेडीयू में शामिल भी हो गए। चर्चा है कि जेडीयू के टिकट पर वे डुमरांव विधानसभा से चुनाव लड़ेंगे।

दाउद अली का टिकट काटना पड़ेगा

अगर ददन को जेडीयू डुमरांव से टिकट देता है, तो जेडीयू के सीटिंग एमएलए दाउद अली का टिकट काटना पड़ेगा। ददन की चर्चा डुमरांव से चुनाव लड़ने की इसलिए भी है कि यहां से वे दो बार इंडिपेंडेंट चुनाव लड़ चुके हैं और जीत भी चुके हैं, तब ददन ख्000 में राबड़ी देवी मंत्रिमंडल में वाणिज्य राज्य मंत्री भी बने थे।

आरजेडी की सरकार बचायी थी ददन ने

ददन ने अपने राजनीति की ठोस शुरुआत क्99भ् से की। वे इंडिपेंडेंट लड़े और हार गए। ख्000 के चुनाव में वे फिर से इंडिपेंडेट लड़े और पहली बार विधानसभा पहुंचने में कामयाब हुए। जब ददन ने आरजेडी की सरकार बचाने में बड़ी भूमिका निभायी, तो लालू प्रसाद ने पुरस्कार में उन्हें वित्त वाणिच्य कर राज्य मंत्री बना दिया। वह राबड़ी देवी सरकार का मंत्रिमंडल था। ख्00भ् में वे इंडिपेंडेट लड़कर फिर से विधानसभा पहुंचे।

लोकसभा नहीं जा पाए कभी

राजनीति में महत्वाकांक्षा खूब बढ़ती है। अब ददन की इच्छा दिल्ली जाने की हुई। ख्00ब् में ददन ने बक्सर से लोकसभा के लिए इंडिपेंडेट चुनाव लड़ा, पर वे हार गए। ख्009 में वे फिर लोकसभा हारे। ख्0क्ब् में बसपा के टिकट से लोकसभा लड़े और तीसरी बार लोकसभा चुनाव हारे।

सपा और बसपा में भी रहे

मुलायम सिंह ने जब अपनी पार्टी का विस्तार बिहार में करना चाहा, तो ख्00भ् में ददन पहलवान को सपा में शामिल किया और पार्टी की बिहार कमान सौंपी। यानी सपा के बिहार प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए। ख्0क्0 में जनता दल (सेकुलर) के प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए। ख्0क्ख् में वे बसपा में चले गए।

वीर लोरिक की मूर्ति लगाने का सपना बाकी

ददन पहलवान ने ख्00फ् में अपनी जाति यानी यादवों से वीर लोरिक की मूर्ति बनाने के लिए पीतल का बर्तन इकट्ठा किया। वीर लोरिक की प्रतिमा बनवाई। वे चाहते थे कि वीर लोरिक की प्रतिमा पटना स्टेशन के पास लगायी जाए। वह सपना पूरा नहीं हुआ है।

नौकरी छोड़ पॉलिटिक्स में आए

ददन का चयन पुलिस की नौकरी के लिए हुआ था, पर उन्होंने ये नौकरी नहीं की। प्राथमिक विद्यालय बिस्वा जिला बक्सर में उन्होंने टीचर की नौकरी की, पर जब चुनाव लड़ने का मन बनाया तो ये नौकरी भी छोड़ दी। एक और बात, ददन यादव चुनाव में हेलीकॉप्टर उड़ाने के लिए प्रसिद्ध रहे हैं। वे निर्दलीय लड़ते थे, तब भी खुद के खर्चे से हेलीकॉप्टर से चुनाव प्रचार पर निकलते थे।