'पीकू' (2015)
अमिताभ बच्चन और दीपिका पादुकोण ने हाल ही में शुजीत सरकार की फिल्म 'पीकू' में पिता और बेटी के रिश्ते को जिया. फिल्म में दीपिका ने दिल्ली में रहने वाली बंगाली आर्किटेक्ट की भूमिका निभाई, जबकि बिग बी ने उनके बूढ़े पिता का किरदार निभाया है. इसी के साथ फिल्म में कई ट्विस्ट और टर्न्स के साथ कहानी आगे बढ़ती है. फिल्म को रोचक बनाने के लिए इसमें इन दोनों का साथ दिया है इरफान खान ने भी. इतना ही नहीं बहुत मजा आता है जब इन तीनों की जोड़ी निकली पड़ती है कोलकाता की ट्रिप पर.       

'दावत-ए-इश्क' (2014)
फिल्म में अनुपम खेर ने एक बार फिर सहृदय पिता का किरदार निभाया है, लेकिन इस बार इनकी बेटी अपने पिता का साथ देती है क्राइम करने में. बेटी (परिणिति चोपड़ा) के लिए कोई अच्छा लड़का न मिलने पर, पिता और बेटी दोनों आपस में हाथ मिलाते हैं एक षडयंत्र को लेकर. ये षडयंत्र है झूठी शादी करके दूल्हे को ठगने का.   

'मैं ऐसा ही हूं' (2005)
हैरी बवेजा निर्देशित ये फिल्म 'I am Sam' की रीमेक है. फिल्म में 'अजय देवगन' ने विकासात्मक विकलांगता वाले एक सिंगल पिता का किरदार निभाया है. यह एक ऐसे पिता हैं, जो अपनी बेटी गुनगुन (रुचा वैद्या) की कस्टडी के लिए एक लंबी लड़ाई लड़ता है.        

'क्या कहना' (2000)
अपने समय की ये सबसे बोल्ड फिल्म रही. फिल्म आधारित है शादी से पहले प्रेग्नेंट होने की कहानी पर. ऐसे में प्रेग्नेंट होने वाली लड़की प्रिया बक्शी (प्रीती जिन्टा) के लिए राहत की सांस बनकर उसके सामने आती है उसकी फैमिली. खासतौर पर उसके पिता, जिसका किरदार निभाया है अनुपम खेर ने. वह साथ देते हैं अपनी बेटी के इस फैसले का कि वो समाज के कट्टर विरोध के बावजूद शादी से पहले उस बच्चे को जन्म दे. बेटी के इस फैसले में उसका साथ देकर उनके पिता एक मिसाल कायम करते हैं.   

'मोहब्बतें' (2000)
15 साल पहले ऑन स्क्रीन आई प्यार की कहानी पर आधारित फिल्म 'मोहब्बतें' में ऐश्वर्या राय बच्चन और अमिताभ बच्चन क्रमश: बेटी और पिता की भूमिका में नजर आए. फिल्म में दिखाया गया है कि बेटी अपने पिता को इतना प्यार करती है कि अपने नौजवान प्यार को पाने के लिए वह पिता के प्यार को चोट नहीं पहुंचाना चाहती. ऐसे में वह अपनी जिंदगी को खत्म करना ही ज्यादा बेहतर समझती है. वहीं अब दोनों असल जिंदगी में ससुर और बहू के रिश्ते में बंध गए हैं.

'पीकू' की तरह इन फ‍िल्‍मों में भी बयां की गई है कहानी पिता और बेटी के प्‍यार की

'कुछ-कुछ होता है' (1998)
फिल्म 'कुछ-कुछ होता है' में शाहरुख और काजोल की जोड़ी चौथी बार ऑन स्क्रीन नजर आई, लेकिन इस फिल्म में रोमांस के अलावा और भी बहुत कुछ था, जिसने दर्शकों के दिल को छू लिया. फिल्म में शाहरुख की बेटी अंजलि का किरदार निभाया सना सईद ने. फिल्म में आठ साल की अंजलि अपनी मां (रानी मुखर्जी) की मौत के बाद अपने पिता की उनकी बेस्ट फ्रेंड (काजोल) से शादी कराने की ठानती है और आखिर में कामयाब भी होती है.  
'पापा कहते हैं' (1996)
फिल्म में टीनएजर (मयूरी कांगो) सेशेल्स में रहने वाले अपने पिता से मिलने के लिए घर से भाग जाती है. मिलने के बाद पिता और बेटी के बीच प्यार का जो रिश्ता फिल्म में दिखाया गया है, वह वाकई काबिल-ए-तारीफ है.   

'खामोशी: द म्यूजिकल' (1996)
संजय लीला भंसाली के निर्देशन में बनी फिल्म 'खामोशी : द म्यूजिकल' में गूंगे और बहरे (नाना पाटेकर और सीमा बिस्वास) जोड़े और उनकी बेटी ऐनी (मनीषा कोइराला) के बीच रिश्तों को दिखाया गया है. फिल्म का क्लाइमेक्स दर्शकों के दिलों को छू गया, जिसमें दिखाया गया है कि नाना पाटेकर गूंगे होने के बावजूद अपनी म्यूट स्पीच से कोमा में जा चुकीं मनीषा को होश में ले आते हैं.

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