डाॅ. त्रिलोकीनाथ (ज्योतिषाचार्य और वास्तुविद)। Dainik Panchang 04 Feb 2021 गुरुवार को सप्तमी तिथि 12:08:20 तक तदोपरान्त अष्टमी तिथि है।सप्तमी तिथि के स्वामी भगवान सूर्य और अष्टमी तिथि के स्वामी भगवान शिव जी है। गुरूवार के दिन भगवान विष्णु जी की पूजा करने से दीर्घ आयु की प्राप्ति होती है । गुरुवार को दक्षिण दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए। यदि ज्यादा आवश्यक हो तो घर से सरसों के दाने या जीरा खाकर निकलें। इस तिथि में ताड़ का सेवन नहीं करना चाहिए तथा यह तिथि राज सम्बन्धी कार्यों के लिए, विवाह, अन्नप्राशन व गृह प्रवेश के लिए शुभ है। दिन का शुभ मुहूर्त, दिशाशूल की स्थिति, राहुकाल एवम् गुलिक काल की वास्तविक स्थिति के बारे में जानकारी आगे दी गई है।

04 फरवरी 2021 दिन-गुरुवार का पंचाग

सूर्योदयः- प्रातः 06:45:29

सूर्यास्तः- सायं 05:38:06

विशेषः- गुरुवार के दिन भगवान विष्णु जी की पूजा करने से दीर्घ आयु की प्राप्ति होती है ।

विक्रम संवतः- 2077

शक संवतः- 1942

आयनः- दक्षिणायन

ऋतुः- शीत ऋतु

मासः- माघ माह

पक्षः- कृष्ण पक्ष

तिथिः- सप्तमी तिथि 12:08:20 तक तदोपरान्त अष्टमी तिथि

तिथि स्वामीः- सप्तमी तिथि के स्वामी भगवान सूर्य और अष्टमी तिथि के स्वामी भगवान शिव जी है।

नक्षत्रः- स्वाति 19:45:41 तक तदोपरान्त विशाखा नक्षत्र

नक्षत्र स्वामीः- स्वाति नक्षत्र के स्वामी राहु हैं तथा विशाखा नक्षत्र के स्वामी गुरु हैं।

योगः- गंड 22:07:15 तक तदोपरान्त वृद्धि

गुलिक कालः- शुभ गुलिक काल 09:51:00 AMबजे से 11:13:00AM बजे तक

दिशाशूलः- गुरूवार को दक्षिण दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए। यदि ज्यादा आवश्यक हो तो घर से सरसों के दाने या जीरा खाकर निकलें।

राहुकालः- राहु काल 01:57:00 PM बजे से 04:18:00PM तक

तिथि का महत्वः- इस तिथि में ताड़ का सेवन नहीं करना चाहिए तथा यह तिथि राज सम्बन्धी कार्यों के लिए, विवाह, अन्नप्राशन व गृह प्रवेश के लिए शुभ है।

“हे तिथि स्वामी, दिन स्वामी, योग स्वामी, नक्षत्र स्वामी, आप पंचांग का पाठन करने वालों पर अपनी कृपा दृष्टि बनाये रखना।”