डाॅ. त्रिलोकीनाथ (ज्योतिषाचार्य और वास्तुविद)। Dainik Panchang 11 April 2021 रविवार को अमावस्या तिथि के स्वामी पित्र देव हैं। अमावस्या तिथि के स्वामी पित्र देव हैं। रविवार को भगवान सूर्य को प्रातः ताम्बे के बर्तन में लाल चन्दन, गुड़ और लाल पुष्प डाल कर अर्घ्य देना चाहिए। रविवार को पश्चिम दिशा की यात्रा नहीं करना चाहिए यदि यात्रा करना आवश्यक हो तो घर से पान या घी खाकर निकलें। इस तिथि में कांसे के पात्र में भोजन करना मना है। यह तिथि पितृ कार्य और शल्य क्रिया के लिए शुभ है। दिन का शुभ मुहूर्त, दिशाशूल की स्थिति, राहुकाल एवम् गुलिक काल की वास्तविक स्थिति के बारे में जानकारी आगे दी गई है।

11 अप्रैल 2021 दिन- रविवार का पंचांग

सूर्योदयः- प्रातः 05:41:45

सूर्यास्तः- सायं 06:16:08

विशेषः- रविवार को भगवान सूर्य को प्रातः ताम्बे के बर्तन में लाल चन्दन, गुड़ और लाल पुष्प डाल कर अर्घ्य देना चाहिए।

विक्रम संवतः- 2077

शक संवतः- 1942

अयनः- उत्तरायण

ऋतुः- बसंत ऋतु

मासः- चैत्र माह

पक्षः- कृष्ण पक्ष

तिथिः- अमावस्या तिथि 07:00:40 तक।

तिथि स्वामीः- अमावस्या तिथि के स्वामी पित्र देव हैं।

नक्षत्रः- रेवती नक्षत्र 09:00:38 तक।

नक्षत्र स्वामीः- रेवती नक्षत्र के स्वामी गुरु देव जी हैं

योगः- इंद्र 13:51:48 तक

दिशाशूलः- रविवार को पश्चिम दिशा की यात्रा नहीं करना चाहिए यदि यात्रा करना आवश्यक हो तो घर से पान या घी खाकर निकलें।

गुलिक कालः- शुभ गुलिक काल 03:33:00 P.M से 05:08:00 A.M तक

राहुकालः- आज का राहुकाल 05:08:00 P.M से 06:44:00 P.M तक

तिथि का महत्वः- इस तिथि में कांसे के पात्र में भोजन करना मना है। यह तिथि पितृ कार्य और शल्य क्रिया के लिए शुभ है।

“हे तिथि स्वामी, दिन स्वामी, योग स्वामी, नक्षत्र स्वामी आप पंचांग का पाठन करने वालों पर अपनी कृपा दृष्टि बनाये रखना।”