डाॅ. त्रिलोकीनाथ (ज्योतिषाचार्य और वास्तुविद)। Dainik Panchang 13 March 2021 शनिवार को अमावस्या तिथि 03 :52:29 तक तदोपरान्त प्रतिपदा तिथि है। अमावस्या तिथि के स्वामी पित्र देव हैं तथा प्रतिपदा तिथि के स्वामी अग्निदेव हैं। शनिवार के दिन पीपल के नीचे हनुमान चालीसा पढ़ने और गायत्री मंत्र का जाप करने से भय नहीं लगता है और समस्त बिगड़े काम बनने लगते है। आज के दिन पूर्व दिशा की यात्रा नहीं करना चाहिए यदि यात्रा करना ज्यादा आवश्यक हो तो घर से अदरक खाकर जाएं। इस तिथि में कांसे के पात्र में भोजन करना मना है। यह तिथि पितृ कार्य और शल्य क्रिया के लिए शुभ है। दिन का शुभ मुहूर्त, दिशाशूल की स्थिति, राहुकाल एवम् गुलिक काल की वास्तविक स्थिति के बारे में जानकारी आगे दी गई है।

13 मार्च 2021 दिन- शनिवार का पंचांग

सूर्योदयः- प्रातः 06:33:26

सूर्यास्तः- सायं 06:28:45

विशेषः- शनिवार के दिन पीपल के नीचे हनुमान चालीसा पढ़ने और गायत्री मंत्र का जाप करने से भय नहीं लगता है और समस्त बिगड़े काम बनने लगते है।

विक्रम संवतः- 2077

शक संवतः- 1942

अयनः- दक्षिणायन

ऋतुः- ऋतु

मासः- फाल्गुन माह

पक्षः- शुक्ल पक्ष

तिथिः- अमावस्या तिथि 03 :52:29 तक तदोपरान्त प्रतिपदा तिथि

तिथि स्वामीः- अमावस्या तिथि के स्वामी पित्र देव हैं तथा प्रतिपदा तिथि के स्वामी अग्निदेव हैं।

नक्षत्रः- पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र 00:22:25 तक तदोपरान्त उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र

नक्षत्र स्वामीः- पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र के स्वामी गुरु देव जी हैं तथा उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र के स्वामी शनि देव जी हैं।

योगः- साध्य 07:53:57 तक तदोपरान्त शुभ

दिशाशूलः- आज के दिन पूर्व दिशा की यात्रा नहीं करना चाहिए यदि यात्रा करना ज्यादा आवश्यक हो तो घर से अदरक खाकर जाएं।

गुलिक कालः- शुभ गुलिक काल 06:33:00 A.M से 08:03:00A.M तक

राहुकालः- आज का राहुकाल 09:32:00 P.M से 11:01:00 A.M तक

तिथि का महत्वः- इस तिथि में कांसे के पात्र में भोजन करना मना है। यह तिथि पितृ कार्य और शल्य क्रिया के लिए शुभ है।

“हे तिथि स्वामी, दिन स्वामी, योग स्वामी, नक्षत्र स्वामी आप पंचांग का पाठन करने वालों पर अपनी कृपा दृष्टि बनाये रखना।”