डाॅ. त्रिलोकीनाथ (ज्योतिषाचार्य और वास्तुविद)। Dainik Panchang 18 August 2021 बुधवार 18 अगस्त को एकादशी तिथि 25:06:50 तक तदोपरान्त द्वादशी तिथि है। एकादशी तिथि के स्वामी विश्वदेव जी तथा द्वादशी तिथि के स्वामी भगवान विष्णु जी हैं। बुधवार के दिन गणेश भगवान की पूजा करने का विशेष महत्व होता है। आज के दिन शरीर पर तेल लगाने से माँ लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। बुधवार को उत्तर दिशा में जाना अशुभ होता है यदि आवश्यक हो तो घर से धनियां या तेल खाकर निकलें। एकादशी तिथि में चावल एवं सेम नहीं खाना चाहिए यह तिथि उपवास, धार्मिक कृत्य उद्यापन तथा कथा एकादशी में शुभ है। दिन का शुभ मुहूर्त, दिशाशूल की स्थिति, राहुकाल एवं गुलिक काल की वास्तविक स्थिति के बारे में जानकारी आगे दी गई है।

18 अगस्त 2021 दिन- बुधवार का पंचांग

सूर्योदयः- प्रातः 05:34:00

सूर्यास्तः- सायं 06:26:00

विशेषः- बुधवार के दिन गणेश भगवान की पूजा करने का विशेष महत्व होता है। आज के दिन शरीर पर तेल लगाने से माँ लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।

विक्रम संवतः- 2078

शक संवतः- 1943

आयनः- उत्तरायण

ऋतुः- वर्षा ऋतु

मासः- श्रावण माह

पक्षः- शुक्ल पक्ष

तिथिः- एकादशी तिथि 25:06:50 तक तदोपरान्त द्वादशी तिथि

तिथि स्वामीः- एकादशी तिथि के स्वामी विश्वदेव जी तथा द्वादशी तिथि के स्वामी भगवान विष्णु जी हैं ।

नक्षत्रः- मूल नक्षत्र 24:07:08 तक तदोपरान्त पूर्वा आषाढ़ा नक्षत्र

नक्षत्र स्वामीः- मूल नक्षत्र के स्वामी केतु देव हैं तथा पूर्वा आषाढ़ा नक्षत्र के स्वामी शुक्र देव हैं।

योगः- विषकुंभ 21:08:39 तक तदोपरन्त प्रीति

गुलिक कालः- शुभ गुलिक काल 10:26:00 से 12:24:00 तक

दिशाशूलः- बुधवार को उत्तर दिशा में जाना अशुभ होता है यदि आवश्यक हो तो घर से धनियां या तेल खाकर निकलें।

राहुकालः- आज का राहु काल 12:24:00 से 02:03:00 तक

तिथि का महत्वः- एकादशी तिथि में चावल एवं सेम नहीं खाना चाहिए यह तिथि उपवास, धार्मिक कृत्य उद्यापन तथा कथा एकादशी में शुभ है।

“हे तिथि स्वामी, योग स्वामी, नक्षत्र स्वामी, दिन स्वामी आप पंचांग का पाठन करने वालों पर अपनी कृपा दृष्टि बनाये रखना।”