डाॅ. त्रिलोकीनाथ (ज्योतिषाचार्य और वास्तुविद)। Dainik Panchang 1st September 2021: बुधवार 1 सितंबर को दशमी तिथि समाप्ति पूर्ण रात्रि तक तदोपरान्त एकादशी तिथि है। दशमी तिथि की स्वामी यमराज जी हैं तथा एकादशी तिथि के स्वामी विश्वदेव जी हैं। बुधवार के दिन गणेश भगवान की पूजा करने का विशेष महत्व होता है आज के दिन शरीर पर तेल लगाने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं । बुधवार को उत्तर दिशा में जाना शुभ होता है यदि आवश्यक हो तो घर से धनिया या तेल खाकर निकले। इस तिथि में परवल / कलम्बी नही खाना चाहिए व अन्नप्रासन, विवाह आदि कार्यों के लिए शुभ मानी गयी है। दिन का शुभ मुहूर्त, दिशाशूल की स्थिति, राहुकाल एवं गुलिक काल की वास्तविक स्थिति के बारे में जानकारी आगे दी गई है।

01 सितंबर 2021 दिन- बुधवार का पंचाग

सूर्योदयः- प्रातः 05:43:00

सूर्यास्तः- सायं 06:17:00

विशेषः- बुधवार के दिन गणेश भगवान की पूजा करने का विशेष महत्व होता है आज के दिन शरीर पर तेल लगाने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं ।

विक्रम संवतः- 2078

शक संवतः- 1943

आयनः- दक्षिणायन

ऋतुः- शरद ऋतु

मासः- भाद्र माह

पक्षः- कृष्ण पक्ष

तिथिः- दशमी तिथि समाप्ति पूर्ण रात्रि तक तदोपरान्त एकादशी तिथि

तिथि स्वामीः- दशमी तिथि की स्वामी यमराज जी हैं तथा एकादशी तिथि के स्वामी विश्वदेव जी हैं।

नक्षत्रः- मृगशिरा 12:35:24 तक तदोपरान्त आर्द्रा नक्षत्र

नक्षत्र स्वामीः- मृगशिरा नक्षत्र के स्वामी मंगल देव हैं तथा आर्द्रा नक्षत्र के स्वामी गुरु देव हैं।

योगः- वज्र 09:38:00 तक तदोपरान्त व्याघात

गुलिक कालः- शुभ गुलिक काल 10:45:00 से 12:21:00 बजे तक

दिशाशूलः- बुधवार को उत्तर दिशा में जाना शुभ होता है यदि आवश्यक हो तो घर से धनिया या तेल खाकर निकले।

राहुकालः- आज का राहुकाल 12:21:00 से 01:56:00 बजे तक

तिथि का महत्वः- इस तिथि में परवल / कलम्बी नही खाना चाहिए व अन्नप्रासन, विवाह आदि कार्यों के लिए शुभ मानी गयी है।

“हे तिथि स्वामी, नक्षत्र स्वामी, योग स्वामी, दिन स्वामी आप पंचांग का पाठन करने वालों पर अपनी कृपा दृष्टि बनाये रखें।”