डाॅ. त्रिलोकीनाथ (ज्योतिषाचार्य और वास्तुविद)। Dainik Panchang 2 March 2022 : हिंदू धर्म में पंचांग का विशेष महत्व होता है। 2 मार्च बुधवार को अमावस्या तिथि 23:06:00तक तदोपरान्त प्रतिपदा तिथि है। अमावस्या तिथि के स्वामी पित्र देव हैं तथा प्रतिपदा तिथि के स्वामी अग्निदेव हैं। बुधवार के दिन गणेश भगवान की पूजा करने का विशेष महत्व होता है। आज के दिन शरीर पर तेल लगाने से माँ लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।

आज के दिन क्या करें और क्या न करें
बुधवार को उत्तर दिशा में जाना अशुभ होता है यदि आवश्यक हो तो घर से धनियां या तेल खाकर निकलें। इस तिथि में कांसे के पात्र में भोजन करना मना है। यह तिथि पितृ कार्य और शल्य क्रिया के लिए शुभ है। दिन का शुभ मुहूर्त, दिशाशूल की स्थिति, राहुकाल एवं गुलिक काल की वास्तविक स्थिति के बारे में जानकारी आगे दी गई है।

02 मार्च 2022 दिन- बुधवार का पंचांग
सूर्योदयः- प्रातः 06:14:00
सूर्यास्तः- सायं 05:46:00
विशेषः- बुधवार के दिन गणेश भगवान की पूजा करने का विशेष महत्व होता है। आज के दिन शरीर पर तेल लगाने से माँ लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।
विक्रम संवतः- 2078
शक संवतः- 1943
अयनः- दक्षिणायन
ऋतुः - बसंत ऋतु
मासः- फाल्गुन माह
पक्षः- कृष्ण पक्ष
तिथिः- अमावस्या तिथि 23:06:00तक तदोपरान्त प्रतिपदा तिथि
तिथि स्वामीः- अमावस्या तिथि के स्वामी पित्र देव हैं तथा प्रतिपदा तिथि के स्वामी अग्निदेव हैं।
नक्षत्रः- शतभिषा नक्षत्र 26:38:00 तक तदोपरान्त पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र
नक्षत्र स्वामीः- शतभिषा नक्षत्र के स्वामी राहु देव जी हैं तथा पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र के स्वामी गुरु देव जी हैं।
योगः- सिद्ध 08:25:00 तक तदोपरान्त साध्य
दिशाशूलः- बुधवार को उत्तर दिशा में जाना अशुभ होता है यदि आवश्यक हो तो घर से धनियां या तेल खाकर निकलें।
गुलिक कालः- शुभ गुलिक काल 11:06:00 A.M से 12:33:00 P.M तक
राहुकालः- आज का राहुकाल 12:33:00 P.M से 02:00:00 P.M तक
तिथि का महत्वः- इस तिथि में कांसे के पात्र में भोजन करना मना है। यह तिथि पितृ कार्य और शल्य क्रिया के लिए शुभ है।
“हे तिथि स्वामी, दिन स्वामी, योग स्वामी, नक्षत्र स्वामी आप पंचांग का पाठन करने वालों पर अपनी कृपा दृष्टि बनाये रखना।”