सूर्योदयः- प्रातः 06:25:00

सूर्यास्तः- सायं 05:46:00

विशेषः- मंगलवार के दिन बजरंग बलि की पूजा का विशेष महत्व है।

विक्रम संवतः- 2077

शक संवतः- 1942

आयनः- दक्षिणायन

ऋतुः- शरद ऋतु

मासः- अश्विन शुद्ध माह

पक्षः- शुक्ल पक्ष

तिथिः- चतुर्थी तिथि 11:20:00 तक तदोपरान्त पंचमी तिथि

तिथि स्वामीः- चतुर्थी तिथि के स्वामी गणेश जी हैं तथा पंचमी तिथि के स्वामी नाग देवता हैं।

नक्षत्रः- ज्येष्ठा नक्षत्र 02:12:00 तक तदोपरान्त मूल नक्षत्र

नक्षत्र स्वामीः- ज्येष्ठा नक्षत्र के स्वामी बुध देव जी हैं तथा मूल नक्षत्र के स्वामी गुरू देव जी हैं।

योगः- सौभाग्य 09:47:00 तक तदोपरान्त शोभन

दिशाशूलः- आज के दिन उत्तर दिशा की यात्रा नहीं करनी चाहिए यदि यात्रा ज्यादा आवश्यक हो तो घर से गुड़ खाकर जाएं।

गुलिक कालः- शुभ गुलिक काल 12:05:00 से 01:30:00 तक

राहुकालः- आज का राहु काल 02:55:00 से 04:20:00 तक

तिथि का महत्वः- इस तिथि में मूली नही खाना चाहिए यह तिथि कोई मांगलिक करने के लिए शुभ नहीं मानी गयी है।

हे तिथि स्वामी, योग स्वामी, नक्षत्र स्वामी, दिन स्वामी आप पंचांग का पाठन करने वालों पर अपनी कृपा दृष्टि बनाये रखना।

द्वारा: Astrologer Dr. Trilokinath