डाॅ. त्रिलोकीनाथ (ज्योतिषाचार्य और वास्तुविद)। Dainik Panchang 23 April 2021 शुक्रवार को एकादशी तिथि 21:49:05 तक तदोपरान्त द्वादशी तिथि है। एकादशी तिथि के स्वामी विश्वदेव जी तथा द्वादशी तिथि के स्वामी भगवान विष्णु जी हैं । शुक्रवार के दिन गणेश भगवान की पूजा करने का विशेष महत्व होता है। आज के दिन शाम के समय घर के ईशान कोण या मन्दिर में गाय के घी का दीपक जलाने से धन प्राप्ति के योग बढ़ते हैं। शुक्रवार को पश्चिम दिशा में यात्रा नहीं करना चाहिए तथा ज्यादा आवश्यक हो तो घर से दही खा कर निकलें। एकादशी तिथि में चावल एवं सेम नहीं खाना चाहिए यह तिथि उपवास, धार्मिक कृत्य उद्यापन तथा कथा एकादशी में शुभ है। दिन का शुभ मुहूर्त, दिशाशूल की स्थिति, राहुकाल एवम् गुलिक काल की वास्तविक स्थिति के बारे में जानकारी आगे दी गई है।

23 अप्रैल 2021 दिन-शुक्रवार का पंचांग

सूर्योदयः- प्रातः 05:30:11

सूर्यास्तः- सायं 06:22:16

विशेषः- आज के दिन शाम के समय घर के ईशान कोण या मन्दिर में गाय के घी का दीपक जलाने से धन प्राप्ति के योग बढ़ते हैं।

विक्रम संवतः- 2078

शक संवतः- 1943

आयनः- उत्तरायण

ऋतुः- बसंत ऋतु

मासः- चैत्र माह

पक्षः- शुक्ल पक्ष

तिथिः- एकादशी तिथि 21:49:05 तक तदोपरान्त द्वादशी तिथि

तिथि स्वामीः- एकादशी तिथि के स्वामी विश्वदेव जी तथा द्वादशी तिथि के स्वामी भगवान विष्णु जी हैं ।

नक्षत्रः- पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र 08:00:08 तक तदोपरान्त उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र

नक्षत्र स्वामीः- पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र के स्वामी शुक्र देव हैं तथा उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र के स्वामी शुक्र देव हैं।

योगः- वृद्धि 14:39:32 तक तदोपरान्त वृद्धि

गुलिक कालः- शुभ गुलिक काल 07:26:00 से 09:03:00 तक

दिशाशूलः- शुक्रवार को पश्चिम दिशा में यात्रा नहीं करना चाहिए तथा ज्यादा आवश्यक हो तो घर से दही खा कर निकलें।

राहुकालः- आज का राहु काल 10:41:00 से 12:19:00 तक

तिथि का महत्वः- एकादशी तिथि में चावल एवं सेम नहीं खाना चाहिए यह तिथि उपवास, धार्मिक कृत्य उद्यापन तथा कथा एकादशी में शुभ है।

“हे तिथि स्वामी, योग स्वामी, नक्षत्र स्वामी, दिन स्वामी आप पंचांग का पाठन करने वालों पर अपनी कृपा दृष्टि बनाये रखना।”