कानपुर (इंटरनेट-डेस्क)। Dainik Panchang 25 Dec 2020: शुक्रवार एकादशी तिथि 25:55:00 तक तदोपरान्त द्वादशी तिथि है। एकादशी तिथि के स्वामी विश्वदेव जी तथा द्वादशी तिथि के स्वामी भगवान विष्णु जी हैं। आज के दिन शाम के समय घर के ईशान कोण या मन्दिर में गाय के घी का दीपक जलाने से धन प्राप्ति के योग बढ़ते हैं।शुक्रवार को पश्चिम दिशा में यात्रा नहीं करना चाहिए तथा ज्यादा आवश्यक हो तो घर से दही खा कर निकलें। एकादशी तिथि में चावल एवं सेम नहीं खाना चाहिए यह तिथि उपवास, धार्मिक कृत्य उद्यापन तथा कथा एकादशी में शुभ है। दिन का शुभ मुहूर्त, दिशाशूल की स्थिति, राहुकाल एवम् गुलिक काल की वास्तविक स्थिति के बारे में जानकारी आगे दी गई है।

25 दिसम्बर 2020 दिन-शुक्रवार का पंचांग

सूर्योदयः- प्रातः 06:48:39

सूर्यास्तः- सायं 05:07:31

विशेषः- आज के दिन शाम के समय घर के ईशान कोण या मन्दिर में गाय के घी का दीपक जलाने से धन प्राप्ति के योग बढ़ते हैं।

विक्रम संवतः- 2077

शक संवतः- 1942

आयनः- दक्षिणायन

ऋतुः- शीत ऋतु

मासः- पौष माह

पक्षः- शुक्ल पक्ष

तिथिः- एकादशी तिथि 25:55:00 तक तदोपरान्त द्वादशी तिथि

तिथि स्वामीः- एकादशी तिथि के स्वामी विश्वदेव जी तथा द्वादशी तिथि के स्वामी भगवान विष्णु जी हैं ।

नक्षत्रः- भरणी नक्षत्र 08:05:31 तक तदोपरान्त कृतिका नक्षत्र

नक्षत्र स्वामीः- भरणी नक्षत्र के स्वामी शुक्र देव हैं तथा कृतिका नक्षत्र के स्वामी सूर्य देव हैं।

योगः- शिवा 14:34:49 तक तदोपरान्त सिद्ध

गुलिक कालः- शुभ गुलिक काल 09:46:00 से 11:03:00 तक

दिशाशूलः- शुक्रवार को पश्चिम दिशा में यात्रा नहीं करना चाहिए तथा ज्यादा आवश्यक हो तो घर से दही खा कर निकलें।

राहुकालः- आज का राहु काल 01:38:00 से 02:55:00 तक

तिथि का महत्वः- एकादशी तिथि में चावल एवं सेम नहीं खाना चाहिए यह तिथि उपवास, धार्मिक कृत्य उद्यापन तथा कथा एकादशी में शुभ है।

“हे तिथि स्वामी, योग स्वामी, नक्षत्र स्वामी, दिन स्वामी आप पंचांग का पाठन करने वालों पर अपनी कृपा दृष्टि बनाये रखना।”

By Astrologer Dr. Trilokinath