कानपुर (इंटरनेट-डेस्क)। Dainik Panchang 25 Nov, 2020: बुधवार को एकादशी तिथि 05:12:20 तक तदोपरान्त द्वादशी तिथि है। एकादशी तिथि के स्वामी विश्वदेव जी तथा द्वादशी तिथि के स्वामी भगवान विष्णु जी हैं । बुधवार के दिन भगवान गणेश जी की पूजा करने का विशेष महत्त्व होता है। आज के दिन शरीर पर तेल लगाने से मां लक्ष्मी जी प्रसन्न होती हैं। एकादशी तिथि में चावल एवं सेम नहीं खाना चाहिए यह तिथि उपवास, धार्मिक कृत्य उद्यापन तथा कथा एकादशी में शुभ है। दिन का शुभ मुहूर्त, दिशाशूल की स्थिति, राहुकाल एवम् गुलिक काल की वास्तविक स्थिति के बारे में जानकारी आगे दी गई है।

25 नवम्बर 2020 दिन-बुधवार का पंचांग

सूर्योदयः- प्रातः 06:52:31

सूर्यास्तः- सायं 05:45:05

विशेषः- बुधवार के दिन भगवान गणेश जी की पूजा करने का विशेष महत्त्व होता है। आज के दिन शरीर पर तेल लगाने से मां लक्ष्मी जी प्रसन्न होती हैं।

विक्रम संवतः- 2077

शक संवतः- 1942

आयनः- दक्षिणायन

ऋतुः- हेमन्त ऋतु

मासः- कार्तिक माह

पक्षः- शुक्ल पक्ष

तिथिः- एकादशी तिथि 05:12:20 तक तदोपरान्त द्वादशी तिथि

तिथि स्वामीः- एकादशी तिथि के स्वामी विश्वदेव जी तथा द्वादशी तिथि के स्वामी भगवान विष्णु जी हैं ।

नक्षत्रः- उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र 06:20:00 तक तदोपरान्त रेवती नक्षत्र

नक्षत्र स्वामीः- उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र के स्वामी शनि देव हैं तथा रेवती नक्षत्र के स्वामी बुध देव हैं।

योगः- सिद्धि 07:33 AM तक तदोपरान्त व्यतिपात

गुलिक कालः- शुभ गुलिक काल 10:49:00 A.Mसे 12:08:00 PMतक

दिशाशूलः- बुधवार को उत्तर दिशा में जाना अशुभ होता है यदि आवश्यक हो तो घर से धनियां या तेल खाकर निकलें।

राहुकालः- आज का राहु काल12:08:00PM से 01:27:00 PM तक

तिथि का महत्वः- एकादशी तिथि में चावल एवं सेम नहीं खाना चाहिए यह तिथि उपवास, धार्मिक कृत्य उद्यापन तथा कथा एकादशी में शुभ है।

“हे तिथि स्वामी, योग स्वामी, नक्षत्र स्वामी, दिन स्वामी आप पंचांग का पाठन करने वालों पर अपनी कृपा दृष्टि बनाये रखना।”

By Astrologer Dr. Trilokinath