डाॅ. त्रिलोकीनाथ (ज्योतिषाचार्य और वास्तुविद)। Dainik Panchang 27 February 2022 Ekadashi : हिंदू धर्म में पंचांग का विशेष महत्व होता है। रविवार 27 फरवरी को एकादशी 08:37:31 तक तदोपरान्त द्वादशी तिथि है। एकादशी तिथि के स्वामी विश्वदेव जी हैं तथा द्वादशी तिथि के स्वामी भगवान विष्णु जी हैं। रविवार को भगवान सूर्य को प्रातः ताम्बे के बर्तन में लाल चन्दन, गुड़ और लाल पुष्प डाल कर अर्घ्य देना चाहिए।

आज के दिन क्या करें और क्या न करें
रविवार को पश्चिम दिशा की यात्रा नहीं करना चाहिए यदि यात्रा करना आवश्यक हो तो घर से पान या घी खाकर निकलें। एकादशी तिथि में चावल एवं सेम नहीं खाना चाहिए यह तिथि उपवास, धार्मिक कृत्य उद्यापन तथा कथा एकादशी में शुभ है। दिन का शुभ मुहूर्त, दिशाशूल की स्थिति, राहुकाल एवं गुलिक काल की वास्तविक स्थिति के बारे में जानकारी आगे दी गई है।

27 फरवरी 2022 दिन- रविवार का पंचाग एकादशी एवं द्वादशी तिथि
सूर्योदयः- प्रातः 06:16:00
सूर्यास्तः- सायं 05:44:00
विशेषः- रविवार को भगवान सूर्य को प्रातः ताम्बे के बर्तन में लाल चन्दन, गुड़ और लाल पुष्प डाल कर अर्घ्य देना चाहिए।
विक्रम संवतः- 2078
शक संवतः- 1943
आयनः- दक्षिणायन
ऋतुः- बसंत ऋतु
मासः- फाल्गुन माह
पक्षः- कृष्ण पक्ष
तिथिः- एकादशी 08:37:31 तक तदोपरान्त द्वादशी तिथि
तिथि स्वामीः- एकादशी तिथि के स्वामी विश्वदेव जी हैं तथा द्वादशी तिथि के स्वामी भगवान विष्णु जी हैं।
नक्षत्रः- पूर्वा आषाढ़ा 08:50:00 तक तदोपरान्त उत्तरा आषाढ़ा नक्षत्र
नक्षत्र स्वामीः- पूर्वा आषाढ़ा नक्षत्र के स्वामी शुक्र देव हैं तथा उत्तरा आषाढ़ा नक्षत्र के स्वामी सूर्य देव जी हैं।
योगः- व्यतिपात 17:37:00 तक तदोपरान्त वरियन
दिशाशूलः- रविवार को पश्चिम दिशा की यात्रा नहीं करना चाहिए यदि यात्रा करना आवश्यक हो तो घर से पान या घी खाकर निकलें।
गुलिक कालः- शुभ गुलिक काल 03:26:00 P.M से 04:53:00 P.M बजे तक।
राहुकालः- राहुकाल 04:53:00 P.M से 06:19:00 P.M बजे तक।
तिथि का महत्वः- एकादशी तिथि में चावल एवं सेम नहीं खाना चाहिए यह तिथि उपवास, धार्मिक कृत्य उद्यापन तथा कथा एकादशी में शुभ है।
“हे तिथि स्वामी, दिन स्वामी, योग स्वामी, नक्षत्र स्वामी आप पंचांग का पाठन करने वालों पर अपनी कृपा दृष्टि बनाये रखना।”