डाॅ. त्रिलोकीनाथ (ज्योतिषाचार्य और वास्तुविद)। Dainik Panchang 4 March 2021 गुरूवार को षष्ठी तिथि 21:59:59 तक तदोपरान्त सप्तमी तिथि है।षष्ठी तिथि के स्वामी भगवान कार्तिकेय जी हैं तथा सप्तमी तिथि के स्वामी भगवान सूर्य देव हैं। गुरूवार के दिन भगवान विष्णु जी की पूजा करने से दीर्घ आयु की प्राप्ति होती है । षष्ठी तिथि के स्वामी भगवान कार्तिकेय जी हैं तथा सप्तमी तिथि के स्वामी भगवान सूर्य देव हैं। इस तिथि में तैलीय चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए और यह तिथि यात्रा, पितृ कर्म, मंगल कार्य आदि के लिए शुभ है। दिन का शुभ मुहूर्त, दिशाशूल की स्थिति, राहुकाल एवम् गुलिक काल की वास्तविक स्थिति के बारे में जानकारी आगे दी गई है।

04 मार्च 2020 दिन- गुरुवार का पंचाग

सूर्योदयः- प्रातः 06:22:28

सूर्यास्तः- सायं 05:56:43

विशेषः- गुरूवार के दिन भगवान विष्णु जी की पूजा करने से दीर्घ आयु की प्राप्ति होती है ।

विक्रम संवतः- 2077

शक संवतः- 1942

आयनः- दक्षिणायन

ऋतुः- बसंत ऋतु

मासः- फाल्गुन माह

पक्षः- कृष्ण पक्ष

तिथिः- षष्ठी तिथि 21:59:59 तक तदोपरान्त सप्तमी तिथि।

तिथि स्वामीः- षष्ठी तिथि के स्वामी भगवान कार्तिकेय जी हैं तथा सप्तमी तिथि के स्वामी भगवान सूर्य देव हैं।

नक्षत्रः- विशाखा नक्षत्र 23:58:05 तक तदोपरान्त अनुराधा नक्षत्र

नक्षत्र स्वामीः- विशाखा नक्षत्र के स्वामी गुरु देव हैं। अनुराधा नक्षत्र के स्वामी शनि देव हैं।

योगः- व्याघात 23:33:41 तक तदोपरान्त हर्षण

गुलिक कालः- शुभ गुलिक काल 09:38:00 से 11:05:00 तक।

दिशाशूलः- गुरूवार को दक्षिण दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए। यदि ज्यादा आवश्यक हो तो घर से सरसों के दाने या जीरा खाकर निकलें।

राहुकालः- राहु काल 02:00:00 से 03:27:00 बजे तक।

तिथि का महत्वः- इस तिथि में तैलीय चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए और यह तिथि यात्रा, पितृ कर्म, मंगल कार्य आदि के लिए शुभ है।

“हे तिथि स्वामी, नक्षत्र स्वामी, दिन स्वामी, योग स्वामी आप पंचांग का पाठन करने वालों पर अपनी कृपा दृष्टि बनाये रखना।”