शहर के कई इलाकों में रक्षाबंधन की पूर्व संध्या पर मनाई गई ये अनोखी राखी

दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने बहनों की इस भावना को समझते हुए इसे अपना कैंपेन बनाया

ALLAHABAD: 'बहना ने भाई की कलाई पे प्यार बांधा है' यह गाना रक्षाबंधन के पर्व पर अपने आप ही बहनों की जुबान पर आ जाता है। आज वह दिन है, जब हर बहन अपने भाई को रक्षा सूत्र बांधेगी। ऐसे में दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने रविवार को कैमरे में कुछ ऐसे पलों को कैद किया जो समाज के लिये प्रेरक का काम करेंगे। महिलाओं ने कहीं सेना के जवान को राखी बांधी तो कहीं अपने अपार्टमेंट के बाहर खड़े गार्ड को रेशम की डोर से बांधकर देश और समाज की रक्षा का संकल्प दिलाया। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने 'ये राखी रक्षा के बंधन वाली' कैंपेन के तहत इन बहनों की भावना को सलाम किया।

डॉक्टर ने मरीज को मान लिया बहन

सृजन हास्पिटल एडमिट आशा मिश्रा के चेहरे पर उस वक्त खुशी छा गई, जब वार्ड में मौजूद डॉ। आशीष ने उन्हें बड़े स्नेह के साथ राखी बांधी। उन्हें लगा ही नहीं कि त्योहार की खुशियां हॉस्पिटल में भी मिल सकती है। डॉ। आशीष ने बताया कि जरुरी नहीं है कि अपनी बहन के साथ ही त्यौहार मनाया जाये। मरीजों के साथ भी इसे एंजवॉय किया जा सकता है। मुझे लगा कि राखी बांधने से इनका दर्द कम किया जा सकता था। इसलिए फर्ज को निभाते हुए खुशी मिली।

गार्ड हैं तो क्या हुआ हम बांधेंगे राखी

लोटस अपार्टमेंट में रहने वालों की सुरक्षा की जिम्मेदारी निभाने वाले गार्ड पहलवान को त्योहार की ऐसी खुशी मिली। जिसे वे हमेशा याद रखेंगे। महिलाओं ने उन्हें न केवल राखी बांधी, बल्कि यह भी कहा कि भइया हर समय आप मुस्तैदी से खड़े होकर हमारी सुरक्षा करते हैं तो हम लोगों को भी संबंधों को निभाने का मौका दीजिए। पहलवान ने बताया कि काश ऐसी सोच समाज में हर किसी की हो जाए तो खुशियां और संबंधों को नई दिशा मिल जाए।

बिटिया ने पिता को बांधी राखी

भाई व बहन नहीं बल्कि पिता और बेटी के बीच भी उसी स्नेह को लूकरगंज की वेदांशी ने दिखाया। वेदांशी ने अपने पिता आशीष को रक्षाबंधन की खुशियों की सौगात दी। आशीष ने अपनी बिटिया की सोच को सलाम किया और खुशी-खुशी राखी बंधवाई। वेदांशी ने बताया कि पिताजी हर समय फिक्र करते रहते हैं पढ़ाई से लेकर भविष्य की सीख देते रहते है। इसलिए पिताजी को राखी बांधकर बहुत खुशी मिली।

पूर्व सैनिक को बांधा रक्षा सूत्र

अत्यधिक भीड़ भाड़ वाले चौराहे पर कई महिलाएं राखी लेकर खड़ी हुई थी। पूर्व सैनिक सीएल सिंह उधर से जा रहे थे तो महिलाओं ने उनसे रुकने की विनती की। उन्होंने वजह पूछी तो जवाब मिला कि देश की सेवा करने के बाद आप किसी न किसी रूप में समाज की सेवा कर रहे हैं। इसलिए हम लोग आपको राखी बांधना चाहते हैं। जब उन्हें राखी बांधी गई तो श्री सिंह की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उन्होंने बताया कि समाज इसी सोच के साथ आगे बढ़े तो कोई भी त्योहार हर इंसान के जीवन में खुशियां बिखेर सकता है।