JAMSHEDPUR: दैनिक जागरण आईनेक्स्ट और मानव रचना विश्वविद्यालय के तत्वावधान में मंगलवार को साकची स्थित एमएनपीएस स्कूल में करियर काउंसलिंग और स्ट्रेस मैनेजमेंट विषय पर वर्कशॉप का आयोजन किया गया। काउंसलिंग में 12वीं और 11वीं स्टैंडर्ड के छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया। स्ट्रेस मैनेजमेंट एक्सपर्ट डा। रमैता ने छात्र-छात्राओं को बोर्ड परीक्षा से पहले स्ट्रेस को मैनेजमेंट के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि छात्र जीवन में जो कुछ भी आप सीख लेते हैं, वह पूरे जीवन भर आपके काम आता है। इसलिए इस महत्वपूर्ण समय का प्रयोग सिर्फ अपनी पढ़ाई को दीजिये। मानव रचना विश्वविद्यालय की ओर से आये अभिषेक ने छात्रों को बेहतर करियर चुनने के आप्शन बताए। उन्होंने कहा कि अपनी प्रतिभा को पहचान कर निर्णय करो कि तुम्हें क्या बनना है, फिर कोई भी कंफ्यूजन नहीं होगा। दो घंटे की स्टडी के बाद ब्रेक लो, जहां भी जाओ अपने समय का सदुपयोग कर वहां से कुछ सीखने और जानने की कोशिश करो। उन्होंने बताया कि दूसरों से स्वयं क तुलना न करो, बल्कि स्वयं से स्वयं की तुलना करो। टारगेट करो कि पिछली परीक्षा से इस बार बेहतर करना है। उन्होंने छात्रों को इंजीनियरिंग, मेडिकल, एनडीए, रेलवे आदि सर्विस की जानकारी दी।

करियर काउंसलिंग और स्ट्रेस मैनेजमेंट का सेंशन बेहतर था, आगे क्या बनना है अभी तक सोचा नहीं है लेकिन मेन एक्जाम के लिए बेहतर तरीके से तैयारी कर फाइनल में अच्छा स्कोर करना है। दोनों एक्सपर्ट द्वारा दी जाने वाली जानकारी उपयोगी थी। एक्जाम के बाद ही मै तय करूंगी की मुझे क्या करना है। काफी कंफ्यूजन हूं। ।

प्रतिभा त्रिपाठी

मै सिविल इंजीनियर बनना चाहता हूं। अभी मेरा फोक्स पूरी तरह एकेडमिक में है, लेकिन फाइनल एक्जाम के बाद आईआईटी की तैयारी करूंगा। आईआईटी मेंस और एडवांस को लेकर कुछ कंफ्यूजन था। जो कि इस वर्कशॉप पर दूर हो गया। स्ट्रेस को दूर करने का मैम का फार्मूला बेहतर लगा, मै सुबह एक्सरसाइज करता हूुं।

देवेश कुमार

मैं कंप्यूटर इंजीनियर बनान चाहता हूं, लेकिन बेहतर इंजीनियर संस्थान के लिए आज की वर्कशॉप के विषय में जानकारी मिली। कैरियर चुनने में फैमिली के लोग बहुत दबाव देते हैं, लेकिन मेरी फैमिली में ऐसा नहीं है तो बेहतर महसूस करता हूं।

वैभव विशाल सिंह

करियर काउंसलिंग और स्ट्रेस मैनेजमेंट की वर्कशॉप बेहतर रही। परीक्षा से पहले बच्चों को इस तरह की दिक्कत का सामना करना पड़ता है। एक्सपर्ट ने न सिर्फ उन समस्याओं के बारे में जानकारी दी, बल्कि उनको दूर करने का बेहतर तरीका भी बताया। करियर सिर्फ डाक्टर या इंजीनियर बनने में नहीं है, आप का मन क्या कहता है, उसकी आवाज को सुनें।

डॉ आशू तिवारी, प्रिंसिपल, एमएनपीएम