RANCHI: छोटे-छोटे बच्चों की पीठ पर भारी-भरकम बस्ता होना उनके मम्मी-पापा को भी पंसद नहीं है। लेकिन स्कूल मैनेजमेंट के आगे पेरेंट्स भी लाचार हैं। सोमवार को जब दैनिक जागरण आईनेक्स्ट के सौजन्य से भारी बस्ता के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान चलाया गया तो इसमें सैकडों पेरेंट्स आगे आये और इस अभियान को समर्थन दिया। साथ ही भारी बस्ता के खिलाफ अपने विचार भी रखे। यह हस्ताक्षर अभियान डीएवी बरियातू के समीप चलाया गया।

हो सकती है शारीरिक परेशानी

बरियातू के रहने वाले रहमान खान ने कहा कि यह बिल्कुल गलत है। छोटे-छोटे बच्चों से भारी-भारी बस्ता लेकर आने को नहीं कहना चाहिए। इससे बच्चों को शारीरिक परेशानी हो सकती है।

लाइब्रेरी का यूज करे स्कूल

बरियातू के ही मुकुल कुमार ने कहा कि स्कूलों में लाइब्रेरी की व्यवस्था होती है फिर भी बच्चों से भारी बस्ता मंगवाया जाता है। यह बंद होना चाहिए। पापा के साथ-साथ मम्मियों ने भी भारी बस्ता लाए जाने को गलत बताया।

ऑनलाइन स्टडी को मिले बढ़ावा

सुनिता देवी ने कहा कि थोड़ी देर के लिए बच्चों का बैग हमलोग अपने कंधे पर लेते हैं और इतने में ही हमारे कंधे में दर्द शुरू हो जाता है। बच्चों के कंधे और कमर पर क्या असर होता होगा। यह स्कूल मैनेजमेंट को समझना चाहिए। उन्होंने ऑनलाइन स्टडी को बढ़ावा देने की बात कही।