RANCHI: दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की ओर से इंडियन इंटेलिजेंस टेस्ट सीजन-7 का आयोजन सिटी के कई सेंटरों पर एक साथ किया गया, जहां बच्चों ने खुद की एबिलिटी चेक करने और करियर को लेकर एग्जाम में पार्टिसिपेट किया। एग्जाम को लेकर बच्चों में काफी एक्साइटमेंट देखने को मिला। सिटी के सेंटरों पर आयोजित टेस्ट में क्लास 5 से 12वीं तक के स्टूडेंट्स शामिल हुए। स्टूडेंट्स का इंटेलिजेंस लेवल परखने के लिए क्वेश्चन पेपर दो पार्ट में बांटा गया था, जिसमें स्टूडेंट्स को 100 क्वेश्चंस के जवाब देने थे। इसके लिए हर बच्चे को ओएमआर शीट भी दी गई थी। पहले तो स्टूडेंट्स थोड़े कंप्यूज्ड दिखे। लेकिन समझ आने के बाद क्वेश्चन साल्व करने में जुट गए।

दो पार्ट में था आईआईटी का क्वेश्चन

टेस्ट में हर सबजेक्ट से क्वेश्चन पूछे गए थे। स्टूडेंट्स ने बताया कि क्वेश्चन समझने में थोड़ा टाइम लग गया। चूंकि क्वेश्चन दो पार्ट में पूछे गए थे। लेकिन इससे अपनी तैयारी का पता चल गया। स्टूडेंट्स की सुविधा को देखते हुए क्वेश्चन इंग्लिश और हिंदी दोनों मीडियम में रखे गए थे। डीएवी पब्लिक स्कूल बरियातू में एग्जाम को सक्सेस कराने में टीचर मोनल कृष्णा, पूजा रानी, संचिता मुखर्जी, सोनी कुमारी राय का अहम योगदान रहा।

डीएवी पब्लिक स्कूल बरियातू

ऐसे टेस्ट से स्टूडेंट्स के बीच एग्जाम फोबिया कम होता है। स्टूडेंट्स का कांफिडेंस लेवल डेवलप होता है। ऐसा टेस्ट देकर स्टूडेंट्स खुद की इंटेलिजेंसी को अच्छी तरह जान पाते हैं। साथ ही भविष्य में होने वाले कॉम्पटीशन लेवल के बारे में भी स्टूडेंट्स बहुत कुछ सीख जाते हैं। स्टूडेंट्स की बेहतरी के लिए दैनिक जागरण आईनेक्स्ट का यह आईआईटी अच्छा है।

-वीके पांडेय, प्रिंसिपल, डीएवी पब्लिक स्कूल, बरियातू

आईआईटी जैसे एग्जाम स्कूली बच्चों के लिए अच्छे हैं। बच्चों को अपनी इंटेलिजेंसी का पता चलता है। ऐसे एग्जाम होते रहने चाहिए। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट को थैंक्स।

प्राणाशीष चंद्र रिंकू, टीचर

क्या कहते हैं स्टूडेंट्स

आईआईटी को लेकर मैं पहले से ही बहुत एक्साइटेड था। टेस्ट देने के दौरान बहुत कुछ नई बातें जानने को मिली। एग्जाम अच्छा गया है।

आकाश वर्मा, क्लास 9

मैंने पहली बार डीजे आईनेक्स्ट के इस आईआईटी में पार्टिसिपेट किया था। अच्छा एक्सपीरियंस रहा। मैंने ज्यादातर सही आंशर दिए हैं, निगेटिव मार्किंग का चांस नहीं है।

वैष्णवी सिंह, क्लास 9

एग्जाम अच्छा गया है। पहले तो मैं काफी नर्वस था कि पता नहीं कैसे सवाल पूछे जाएंगे। लेकिन क्वेश्चन पेपर मिलने के बाद कूल होकर आंशर देता गया।

श्रेया राज, क्लास 11

इंडियन इंटेलिजेंस टेस्ट देने का यह मेरा फ‌र्स्ट एक्सपीरियंस अच्छा रहा। इसमें क्वेश्चंस भी काफी डिफरेंट थे। एग्जाम लिखने में मजा आया।

आदित्य नारायण राय, क्लास 11

आईआईटी लिखने के बाद मुझे खुद की इंटेलिजेंसी का अंदाजा लग गया है। वैसे पेपर अच्छा गया है। निगेटिव मार्किंग के कारण, जिसका जवाब मालूम नहीं था उसे छोड़ दिया।

आदित्य प्रखर, क्लास 9

बर्लिन पब्लिक स्कूल, कांके

इस एग्जाम का कांसेप्ट बहुत अच्छा है। जिस तरह से बच्चों को नई चीजें सीखने को मिली वह उन्हें आने वाले दिनों में मदद करेगी। एक तो हर बच्चे को अलग सर्टिफिकेट दिया जाएगा, जिससे कि वे अपने वीक सब्जेक्ट पर काम कर सकेंगे। इसके अलावा अपना फ्यूचर तय करने में भी बच्चों की मदद करेगा।

-सत्येंद्र कुमार सिंह, प्रिंसिपल, बर्लिन पब्लिक स्कूल

क्या कहते हैं स्टूडेंट्स

एग्जाम तो एग्जाम है। काफी कुछ नया सीखने को मिला। दो पार्ट में जो क्वेश्चन था बिल्कुल ही अलग तरीके का था। पहली बार ऐसे एग्जाम में पार्टिसिपेट करने का मौका मिला। क्वेश्चंस काफी इंटरेस्टिंग थे।

राजीव सरकार

हमलोगों को पहले तो डर लगा। लेकिन क्वेश्चंस समझने के बाद दिक्कत नहीं हुई। अलग-अलग सब्जेक्ट के क्वेश्चंस ने थोड़ा तो उलझाया। लेकिन बाद में सबकुछ आराम से सॉल्व हो गया।

विशाल भगत

इस तरह के एग्जाम में हर बच्चे को पार्टिसिपेट करना चाहिए। इससे आईक्यू बेहतर होता है। हर बच्चे को इस तरह के एग्जाम से नया सीखने को मिलेगा। ऐसे एग्जाम हमेशा होने चाहिए।

विश्वजीत पात्रो