JAMSHEDPUR: दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की ओर से आयोजित मिलेनियल्स स्पिक के तहत राजनीटी में शुक्रवार को अंतराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर को-ऑपरेटिव कॉलेज बीएड डिपार्टमेंट की छात्राओं ने 'महिलाओं को कितना मिला सम्मान, क्या वीमेंस रिजर्वेशन बिल आने वाले लोकसभा में चुनावी मुद्दा रहेगा' विषय पर अपनी बेबाक राय दी। वो चीर हरण करते हैं हम शर्मिदा रह जाते हैं। कुछ लोग अपनी बहुओं को मार जिंदा रह जाते हैं कविता की इन्हीं पंक्तियों के साथ नेहा सिंह ने चर्चा की शुरुवात की। उन्होंने कहा कि महिलाओं को बिल्कुल सम्मान नहीं मिल रहा है। वक्त गुजरने के साथ दुनिया बदल रही है, लेकिन सामाज में रूढ़ीवादी सोच खत्म नहीं हुई है। आए दिन शहर में बलात्कार, छेड़खानी जैसी घटनाएं सामने आ रही हैं। उन्होंने कहा कि महिला की तो बात छोड़ ही दीजिए, यहां पांच साल की बच्ची भी सुरक्षित नहीं है। सरकार योजनाएं तो बनाती है, पर वह धरातल पर नजर नहीं आती है। मैं महिलाओं के रिजर्वेशन के खिलाफ हूं। देश से हर तरह के रिजर्वेशन हटने चाहिए। महिलाओं को बस सम्मान मिले, उन्हें रिजर्वेशन की कोई जरूरत नहीं है।

सिर्फ योजनाओं से सम्मान मिलेगा क्या
चर्चा को बढ़ाते हुए पूनम कुमारी ने कहा सरकार महिलाओं के लिए योजनाएं तो बनती रहती है, लेकिन इससे उन्हें सम्मान नहीं मिलेगा, जबतक कि उसे सही तरीके से धरातल पर लागू नहीं किया जाए। सरकार कुछ ऐसा करना होगा, जिससे महिलाओं को कोई भी गलत नजर न रखे जो रखे और गलत नजर रखनेवालों को कड़ी से कड़ी सजा मिले। उन्होंने कहा कि आज महिलाओं की सम्मान के लिए सभी बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, लेकिन महिलाओं के सम्मान की बारी आती तो अधिकांश पीछे हट जाते हैं। पूनम ने कहा कि नेता महिला सशक्तिकरण का ढोंग छोड़कर उन्हें सशक्त बनाने के लिए कुछ ठोस फैसला लेना चाहिए।

आरक्षण देना चाहती सरकार
उमा कुमारी ने कहा महिलाओं को आरक्षण इस लोकसभा इलेक्शन मुद्दा रहेगा, लेकिन क्या आरक्षण मिल जाने से उन्हें सम्मान मिल जाएगा। आज महिलाओं के लिए कोई सरकार कुछ नहीं कर रही है। राजनीतिक पार्टियां सिर्फ एक-दूसरे पर हमला करती हैं। पिछले 23 साल से हर सरकार सिर्फ महिलाओं को आश्वासन ही देती आ रही है। कोई भी सरकार महिला आरक्षण बिल का विरोध नहीं करती है, चाहे वो सत्ता पक्ष हो या फिर विपक्ष। सवाल यह है कि इसके बावजूद यह बिल इतने सालों से पास क्यों नही हो रहा है। जब सत्ता पक्ष और विपक्ष चाहते हैं कि महिला आरक्षण बिल पास हो, फिर भी ऐसा नहीं हो रहा है। नेता सिर्फ राजनीतिक रोटियां सेंकते हैं। उन्हें महिलाओं के हित से कोई मतलब नहीं रहता है।

मिले पर्याप्त सुरक्षा
चर्चा के दौरान उमा कुमारी ने कहा देश में महिलाओं को सम्मान तभी मिलेगा, जब महिलाओं को पर्याप्त सुरक्षा मिलेगी। इसके लिए सरकार को और काम करना चाहिए, शहर में रेप, मर्डर तथा घरेलू हिंसा बढ़ती जा रही है। इसपर सरकार को लगाम लगाने के बारे में सोचना चाहिए, महिला को तभी सम्मान मिलेगा जब उन्हें पर्याप्त सुरक्षा दी जाए। गंगा गोप ने कहा सरकार महिलाओं को सुविधाएं देने पर काम कर रही है। गरीब महिलाओं के लिए बेटी बचाव-बेटी पढ़ाओ, मुख्यमंत्री कन्या दान योजना जैसी दर्जनों योजनाएं चलाई जा रही हैं, लेकिन इतने भर से ही महिलाओं को सम्मान नहीं मिलेगा। सबसे पहले पुरुषवादी मानसिकता और रूढि़वादी सोच से पुरुषों को ऊपर उठना होगा।

महिला आरक्षण राजनीतिक चाल
मिलेनियल्स ने कहा महिला आरक्षण विधेयक पास कराना अच्छी मांग है। इसे सत्ता पक्ष और विपक्ष राजनीतिक चाल के रूप में ले रहे हैं। सभी राजनीतिक पार्टियां सिर्फ दिखावा करती हैं कि महिला आरक्षण बिल पर उनका समर्थन है। मिलेनियल्स का मानना है कि लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने से भी महिलाओं का भला होने वाला नहीं है। महिलाओं का उत्थान और कल्याण तब होगा जब राजनीति के साथ-साथ अन्य अनेक क्षेत्रों में उन्हें आगे बढ़ने के पर्याप्त अवसर मिलेंगे। विडंबना यह है कि दूसरे तमाम देशों की तरह अपने देश में भी अन्य क्षेत्रों की तरह राजनीति में भी पुरुष प्रधान सोच हावी है। सवाल यह है कि राजनीतिक पार्टियां लोकसभा और विधानसभा चुनाव में 33 महिलाओं को चुनाव मैदान में उतारने का काम क्यों नहीं कर रही हैं। क्या महिला आरक्षण विधेयक पारित हुए बगैर ऐसा करने पर कोई रोक है?

सतमोला कुछ भी खाओ
चर्चा के दौरान प्रीति कुमारी ने कहा कि राजनीतिक दल लोकसभा व विधानसभाओं में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ते हुआ देखना चाहते है, तो फिर वे महिला आरक्षण विधेयक पारित होने का इंतजार क्यों कर रही हैं। आखिर वे लोकसभा और विधानसभा चुनाव में 33 प्रतिशत महिलाओं को चुनाव मैदान में उतारने का काम क्यों नही करतीं, क्या महिला आरक्षण विधेयक पारित हुए बगैर ऐसा करने पर कोई रोक है। इसका समर्थन करते हुए नेहा सिंह ने कहा महिला आरक्षण को आज की महिलाएं समर्थन नहीं करती हैं। उन्हें बस समान अधिकार मिले और आगे बढ़ने के पर्याप्त अवसर मिले।

आज का प्रोग्राम

कल का स्थान - भुइयांडीह

समय -4 बजे शाम

मेरी बात
महिलाओं को सम्मान बिल्कुल नहीं मिल रहा है। दुनिया बदल रही है लेकिन उसके मुताबिक सामाज से रूढ़ीवादी सोच खत्म नहीं हुई। आए दिन शहर में बलात्कार, छेड़खानी जैसी घटनाएं सामने आ रही हैं। महिलाएं ही नहीं यहां तो बच्चियां भी सुरक्षित नहीं है। सरकार योजनाएं तो बनाती है, लेकिन धरातल पर उसका प्रभाव नजर नहीं आता है। मैं रिजर्वेशन के खिलाफ हूं। देश से हर तरह के रिजर्वेशन खत्म होने चाहिए, चाहे वो महिला आरक्षण ही क्यों न हो। रिजर्वेशन की वजह से ही देश आगे नहीं बढ़ रहा है। महिलाओं को बस सम्मान मिले इतना ही काफी है।

नेहा सिंह

कड़क मुद्दा
महिलाओं के विकास को लेकर सरकार ने योजनाएं तो कई बनाई हैं, लेकिन उसका प्रभाव धरातल पर नहीं दिख रहा है। ऐसे में महिलाओं को सम्मान कैसे मिलेगा। सरकार कुछ ऐसे कानून बनाए, जिससे महिलाओं पर गलत नजर रखनेवालों को तुरंत कड़ी से कड़ी सजा मिले। आज महिलाओं की सम्मान की बातें तो सभी करते हैं, लेकिन जब उनके सम्मान की पारी आती है तो नहीं करते है। नेताओं को महिला सशक्तिकरण का ढोंग छोड़ कर उन्हें सशक्त बनाने के लिए कुछ ठोस फैसले लेने चाहिए।

पूनम कुमारी

महिला आरक्षण इस बार लोकसभा चुनाव में मुद्दा रहेगा, लेकिन क्या महिलाओं को आरक्षण मिल जाने से उन्हें सम्मान मिलने लगेगा? आज महिलाओं के लिए कोई सरकार कुछ नहीं कर पा रही है। राजनीतिक पार्टियां सिर्फ सिर्फ अपने भाषणों से एक-दूसरे पर हमला करती हैं। पिछले 25 वर्षो से हर सरकार की ओर से महिलाओं को सिर्फ आश्वासन ही मिलता रहा है।

उमा कुमारी

महिला आरक्षण बिल का न तो सत्ता पक्ष और न ही विपक्ष विरोध करती है, फिर भी यह बिल इतने सालों से पास क्यों नही हो रहा है। राजनीतिक पार्टियों को सिर्फ अपने फायदे से मतलब है। सिर्फ राजनीतिक रोटियां सेकी जा रही हैं महिलाओं के नाम पर। इसे हमें समझना होगा।

ज्योति रानी

सरकार महिलाओं को सुविधा दे रही है। गरीब महिलाओं के लिए कई योजनाएं जैसे बेटी बचाव-बेटी पढ़ाओ, कन्या दान योजना जैसे दर्जनों योजनाएं चलाई जा रही हैं, लकिन सिर्फ इनसे उन्हें सम्मान नहीं मिलेगा। सबसे पहले रूढि़वादी सोच और पुरुषवादी मानसिकता बदलनी होगी।

गंगा गोप

महिला को तभी सम्मान जब सुरक्षा सुविधा हो तमाम, देश में महिलाओं को सम्मान तभी मिलेगा, जब महिलाओं को पर्याप्त सुरक्षा मिलेगी। इसके लिए सरकार को ओर काम करना चाहिए, शहर आए दिन रेप मर्डर तथा घरेलू हिंसा बढ़ती जा रही है। इसपर सरकार को लगाम लगाने की सोचना चाहिए,

शशि दुबे

महिला आरक्षण विधेयक पास होना ही चाहिए, लेकिन राजनीतिक पार्टियां इसे राजनीतिक चाल के रूप में ले रही हैं। सभी राजनीतिक पार्टियां इसे सिर्फ दिखावे के रूप में ले रही हैं। लोकसभा चुनाव में हम उन्ही को वोट देंगे जो महिला आरक्षण बिल लाएगी।

अंजली पांडे

लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने से भी महिलाओं का भला होने वाला नहीं है। महिलाओं का उत्थान और कल्याण तब होगा जब राजनीति के साथ साथ अन्य अनेक क्षेत्रों में उन्हें आगे बढ़ने के पर्याप्त अवसर मिलेंगे।

रुकइयां तहसील

दूसरे देशों की तरह अपने देश में भी अन्य क्षेत्रों की तरह राजनीति में भी पुरुष प्रधान सोच हावी है। राजनीतिक दल अगर सचमुच लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ते हुए देखना चाहती हैं, तो फिर वे संविधान संशोधन विधेयक पारित होने का इंतजार क्यों कर रही हैं।

प्रीति कुमारी

देश के महिलाओं को तभी सम्मान मिलेगा जब घरेलू हिंसा खत्म होगी, यौन शोषण खत्म होगा। इसके बाद वे सुरक्षित महसूस करेंगी, लेकिन ऐसा हमारे देश में कब होगा यह पता नहीं है। सरकार को इस दिशा में कार्य करना चाहिए।

दीपान्यता चटराज