कानपुर। इस सर्वे में सबसे खास बात यह सामने आई कि आज युवा 'बाप बड़ा न भइया, सबसे बड़ा रुपइया' की कहावत पर विश्वास कम करते हैं। पैसा युवाओं के लिए पैसा पहली प्रायोरिटी नहीं है, बल्कि वो हेल्थ को फर्स्ट प्रायोरिटी मानते हैं यानी वो 'हेल्थ इज वेल्थ' के फंडे पर विश्वास करते हैं। युवा ओवर आल प्रायोरिटी परसेंट में हेल्थ 38, करियर 21, रिलेशनशिप 16, पॉलिटिक्स 12, वेल्थ 9, सोसाइटी 4 को प्राथमिकता देते हैं।
सेहत के लिए फिक्रमंद हैं यंगबाज
सर्वे में शामिल महिलाएं हो या पुरुष, हेल्थ दोनों के लिए ही पहली प्रायोरिटी के रूप में है। जहां 39 परसेंट पुरुषों ने इसे अपनी सबसे पहली प्रायोरिटी बताया, वहीं 38 परसेंट महिलाओं के लिए भी यह सबसे जरूरी है। वहीं, अगर एजग्रुप के अनुसार बात करें तो 26 से 35 एजग्रुप वालों ने इसे ज्यादा तवव्जो दी। इस एजग्रुप के जहां 42 परसेंट युवाओं ने इसे पहली प्रायोरिटी बताया, वहीं 18 से 25 साल के 34 परसेंट युवाओं के लिए यह सबसे जरूरी रहा। नौकरीपेशा की अपेक्षा बिजनेसमेन ने हेल्थ को पहली प्रायोरिटी बताया 36 नौकरीपेशा 43 बिजनेसमैन
11 शहरों में रहने वाले युवाओं में दिखी ये सोच
चार प्रदेशों उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार और झारखंड के 11 बड़े शहरों में हुए सर्वे में यह बात भी सामने आई है कि वेल्थ युवाओं की पांचवी प्रायोरिटी है, उससे पहले दूसरे नंबर पर रिलेशनशिप, तीसरे नंबर पर करियर और चौथे नंबर पर पॉलिटिक्स आता है। ज्यादातर 18 से 35 वर्ष के लोगों के बीच हुए इस सर्वे में एक चौकाने वाला तथ्य यह भी आया कि सोसाइटी को लेकर इनका रवैया काफी उदासीन है और वो उनकी प्रायोरिटी पर सबसे आखिरी है।
नोट : सभी आकड़े प्रतिशत मे
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