-एससी एसटी आयोग के अध्यक्ष ने की मेरठ मंडल की समीक्षा

- 82 मामलों में से नब्बे फीसद की सुनवाई कर किया निस्तारण

Meerut: एक ओर जहां एससी एसटी आयोग की शिकायतें केवल दिल्ली में सुनी जाती थी, वहीं अब प्रक्रिया में तब्दीली कर मंडल स्तर पर आयोग से जुड़ी समस्याओं की सुनवाई की जानी लगी है। बुधवार को आयोग के चेयरमैन पीएल पूनिया ने समस्याएं सुनकर कुल 8ख् मामलों का निस्तारण किया।

दलित उत्पीड़न में मेरठ अव्वल

बुधवार को सर्किट हाउस में मीडिया से रू-ब-रू हुए आयोग के अध्यक्ष पीएन पूनिया ने बताया कि दलित उत्पीड़न के मामले में यूपी में मेरठ सबसे अव्वल जिला है। यहां दलित उत्पीड़न के मामले फ्8, जबकि बुलंदशहर में ख्8, गौतमबुद्धनगर में क्ख्, गाजियाबाद में ब् और बागपत में यह आंकड़ा केवल भ् है। पूनिया ने बताया कि मध्यप्रदेश में देश से सबसे अधिक दलित बलात्कार के मामले दर्ज किए गए हैं।

नहीं होता मुकदमा दर्ज

मीडिया से बात कर रहे पूनिया ने बताया कि अक्सर देखने में आया है कि मेरठ में दलित उत्पीड़न के मामले ही दर्ज नहीं किए जाते। जबकि इस बारे में पूछने पर थाना स्तर पर केवल तफ्तीश जारी होने की बात कह कर पल्ला झाड़ लिया जाता है। उन्होंने बताया कि नियम के अनुसार पहले संबंधित मामले की एफआईआर दर्ज कर तफ्तीश शुरू करनी चाहिए।

साल में चार बार होगी बैठक

आयोग के अध्यक्ष ने जिलों के नोडल अफसरों को निर्देशित करते हुए कहा कि अब हर तीसरे माह आयोग की बैठक कर दलितों की समस्याएं सुनी जाएंगी। जबकि बड़े मामलों से दिल्ली को अवगत कराया जाएगा।

धर्मेन्द्र मामले का लिया संज्ञान

सरधना विधायक संगीत सोम के पिता पर लग रहे दलित उत्पीड़न के आरोप को आयोग के अध्यक्ष ने सही करार देते हुए पुलिस प्रशासन से कार्रवाई के बारे में जाना। उन्होंने विधायक के पिता पर अब तक हुई कार्रवाई के बारे में भी पूछा। इस पर पुलिस ने उनकी गिरफ्तारी के लिए दबिश जारी होने की बात कही।