मरीजों को जॉनसन के इंप्लांट से नुकसान पर मिलेगा 30 लाख मुआवजा

- स्टेट लेवल पर कमेटी गठित करेगी नुकसान का एनालिसस

- सेंट्रल गवर्नमेंट सभी राज्य सरकारों को दिए कार्रवाई के आदेश

sunil.yadav@inext.co.in

LUCKNOW:

अमेरिका की नामी कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन के घटिया एएसआर (आर्टीकुलर सर्फेस रिप्लेसमेंट) हिप इंप्लांट से यूपी के मरीजों को हुए नुकसान की सरकार भरपाई कराएगी। केंद्र सरकार ने सभी राज्यों में मरीजों को हुए नुकसान के असेसमेंट के लिए कमेटी गठित करने के आदेश दिए हैं। सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (सीडीएससीओ) भारत सरकार से मिले निर्देशों के बाद एफएसडीए की आयुक्त मिनिस्ती एस ने कमेटी गठित करने के आदेश जारी किए हैं।

ये कमेटी करेगी आंकलन

फूड सेफ्टी एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफएसडीए) की आयुक्त मिनिस्ती एस ने मेसर्स डीपीयूवाई इंटरनेशनल लि। यूके द्वारा निर्मित दोषपूर्ण एएसआर हिप इंप्लांट से मरीजों में हुए नुकसान की भरपाई के निस्तारण के लिए राज्य स्तरीय समिति गठित करने के आदेश दिए हैं। कमेटी में राजकीय मेडिकल कॉलेज के दो ऑर्थोपेडिक सर्जन, एक रेडियोलॉजिस्ट, सीडीएससीओ का जोनल प्रतिनिधि और ड्रग कंट्रोलर होंगे। ड्रग कंट्रोलर इस कमेटी के सदस्य सचिव होंगे। आयुक्त ने केजीएमयू प्रशासन को पत्र लिखकर दो ऑर्थोपेडिक सर्जन और एक रेडियोलॉजिस्ट को नामित करने को कहा है।

तो मिलेंगे 30 लाख

केजीएमयू के डॉक्टर्स के अनुसार यदि किसी मरीज में एएसआर हिप इंप्लांट से कोई नुकसान हुआ है तो कमेटी के रिकमेंडेशन पर केंद्र सरकार जॉनसन एंड जॉनसन से मरीज को 30 लाख रुपए दिलाएगी। गौरतलब है कि देश भर से बड़ी संख्या में इन इंप्लांट्स की शिकायतें मिलने के बाद इन्हें केंद्र सरकार ने बैन किया था।

अमेरिका से इंडिया तक लगा बैन

जॉनसन एंड जॉनसन के एएसआर हिप इंप्लांट को डीईपीयूवाई नाम की सब्सिडियरी ने तैयार किया है। यह सब्सिडियरी 2006 से लेकर अगस्त 2010 तक भारत में 4700 एएसआर हिप इम्प्लांट बेच चुकी है। इसे जॉनसन एंड जॉनसन ने 2010 में बंद कर दिया था। इसमें हिप की सर्फेस को ही कैप किया जाता था जो दोषपूर्ण था। सबसे पहले 2010 में यूएस में इसे बैन किया गया था, लेकिन भारत में बैन करने में दो साल लग गए।

कमेटी ने दी थी रिपोर्ट

मामले में केजीएमयू के डॉ। विनीत शर्मा, एम्स नई दिल्ली के प्रो। सीएस यादव और अन्य की कमेटी ने केंद्र सरकार को सिफारिश की थी कि मरीजों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए प्रत्येक मरीज को 30 लाख रुपए दिलाए जाएं। जिसके बाद ही केंद्र सरकार ने बड़ कदम उठाते हुए सभी राज्यों को कमेटी गठित कर मरीजों के हुए नुकसान की भरपाई की जांच के लिए कमेटी गठित करने के आदेश दिए।

केंद्र से निर्देश मिलने के बाद कमेटी गठित करने के लिए केजीएमयू से डॉक्टर्स के नाम देने को कहा गया है। यह कमेटी मरीजों को हुए नुकसान का आंकलन करेगी।

- एके जैन, ड्रग कंट्रोलर, एफएसडीए