RANCHI :रांची के तालाबों की मॉनिटरिंग अब मोबाइल के माध्यम से होगी। इस दौरान मोबाइल पर यह दिखता रहेगा कि वर्तमान में तालाब का पानी गंदा है या साफ है, उसमें जो मछलियां हैं उनके लिए क्या जरूरी है। तालाब में कब चूना डालना है। इससे सबसे अधिक फायदा उन तालाबों का होगा जिनमें मछलियों का पालन किया जाता है। मछलियों को किस समय सर्वाइवल के लिए क्या जरूरत है यह सारी इंफॉर्मेशन मोबाइल पर मिलती रहेगी।

एक जगह रिस्पांस अच्छा

जिला मत्स्य पदाधिकारी अरुप कुमार चौधरी ने बताया कि तालाबों की सही देखरेख और मछली पालन के लिए मोबाइल ऐप बेस्ड मॉनिटरिंग सिस्टम शुरू किया जा रहा है। डोरंडा तालाब में ट्रायल के तौर पर इस सिस्टम को लागू किया गया है जो बेहतरीन तरीके से काम कर रहा है। अब शहर के दूसरे तालाबों में भी इसी सिस्टम को लगाया जाएगा। शहर के तालाबों में इंटरनेट बेस्ट एक इक्विपमेंट लगाया जाएगा जो एक सेंसर की तरह तालाबों में लगा रहेगा। इस सेंसर को मोबाइल में लिंक कर दिया जाएगा।

मछलियों के लिए बहुत काम का

जिला मत्स्य पदाधिकारी बताते हैं कि इस सिस्टम से मत्स्य पालन में बढ़ोतरी होगी। अभी जिन तालाबों में मछली पालन किया जा रहा है उन तालाबों में बहुत सारी मछलियां मर जाती हैं। लेकिन इस इक्विपमेंट के लग जाने के बाद मोबाइल पर सूचना आती रहेगी कि अभी तालाब की क्या स्थिति है, तालाब के जल में ऑक्सीजन का स्तर क्या है, तालाब में पानी गंदा है कि साफ, मछलियों को खाने के लिए क्या और कब दिया जा सकता है। यह सारी सूचना मोबाइल पर आएगी।

65 हजार रुपये है दाम

इस इक्विपमेंट की कीमत 65 हजार रुपए है। लेकिन सरकार ने यह तय किया है कि जिन भी लोगों को तालाबों की देखरेख करने का काम दिया गया है, उनको यह इक्विपमेंट 90 प्रतिशत की सब्सिडी पर दिया जाएगा। उनको मात्र 6500 रुपए में यह मिलेगा।

वर्जन

तालाबों की देखरेख और उनके मैनेजमेंट का काम अब मोबाइल बेस्ट एप के माध्यम से किया जाएगा। तालाबों की क्या स्थिति है यह रियल टाइम डाटा मोबाइल पर आयेगा। तालाबों में सेंसर लगा होगा। डोरंडा तालाब में यह ट्रायल के रूप में लगाया गया है। अब सभी तालाबों में लगाया जाएगा।

अरूप चौधरी, जिला मत्स्य पदाधिकारी, रांची