फिर से गुलजार होंगे डांस बार
महाराष्ट्र के डांस बार मालिकों के लिए सुप्रीम कोर्ट से राहत भरी खबर है। अदालत ने इन पर लगी रोक पर स्टे लगा संचालन की अनुमति दे दी। महाराष्ट्र में हजारों लोग इन डांस बार के जरिए जीवन यापन में लगे हुए हैं। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि महिलाओं की अस्मिता की रक्षा का पूरा ख्याल रखा जाए। ताकि डांस करने से उनकी गरिमा को किसी तरह की चोट न पहुंचे। वहीं राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने कहा कि सर्वोच्च अदालत के इस फैसले का सम्मान करते हैं और इसका जल्द से जल्द पालन किया जाएगा।
सरकार ने कानून बनाकर लगाया था बैन
आपको बताते चलें कि साल 2014 में तत्कालीन कांग्रेस-एनसीपी सरकार ने महाराष्ट्र पुलिस क़ानून में संशोधन करते हुए बार समेत राज्य के कई जगहों पर होने वाले डांस कार्यक्रमों पर पाबंदी लगा दी थी। उधर राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सरकार पाबंदी लगे रहने के हक़ में है। मुख्यमंत्री ने ट्वीट करते हुए कहा, ''हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने अपने अंतरिम फैसले में डांस बार पर पाबंदी के बजाए उसकी निगरानी की बात कही है, लेकिन सरकार अभी भी डांस बार पर पाबंदी के हक में है। हमलोग इस फैसले का निरीक्षण करेंगे और सुप्रीम कोर्ट में अपनी मांग रखेंगे।''
Although SC interim order mandates regulation instead of ban on dance bars,Govt still favours ban.We will examine & press our demand in SC.
— Devendra Fadnavis (@Dev_Fadnavis) October 15, 2015
700 हैं बार ठिकाने
महाराष्ट्र में ऐसे करीब 700 ठिकाने हैं जहां 75 हजार से ज्यादा महिलाएं डांस बार में नाचकर और टिप लेकर गुजारा करती हैं। डांसर यूनियन ने सरकार द्वारा लगाए बैन का कड़ा विरोध किया था। इनका मानना था कि अगर डांस बार में प्रतिबंध लागू रहा तो कई महिलाएं वेश्यावृत्ति को अपनाने के लिए मजबूर हो जाएंगी। कोर्ट के इस फैसले पर खुशी जताते हुए डांस बार कमेटी के अध्यक्ष भरत सिंह ठाकुर ने बताया कि, वह हमेशा से ही महिलाओं की गरिमा का ध्यान रखते आए हैं। उनके डांस बार में कभी भी फूहड़पन की शिकायत नहीं आई है।
inextlive from India News Desk
National News inextlive from India News Desk