- नेपाल ने छोड़ा पानी, चार घंटे में कमर तक पहुंचा, घरों का सामान सेकेंड फ्लोर पर शिफ्ट कर दूसरी जगह पहुंचे लोग

GORAKHPUR: नेपाल के पानी ने शहर में कहर ढाना शुरू कर दिया है। सोमवार शाम से शुरू हुआ रिसाव बुधवार की सुबह शहर के लिए काल बन गया। कभी बंधे की दौड़, तो कभी घर वालों की फिक्र। कभी सुरक्षित जगह जाने का ख्याल, तो कभी रेग्युलेटर के रिसाव को रोकने के लिए मिट्टी की बोरियां तैयार करने की जद्दोजहद। बुधवार की भोर से यह नजारा सिटी के पश्चिमी छोर पर मौजूद हाबर्ट बंधे के डोमिनगढ़ रेग्युलेटर पर देखने को मिला। जहां भोर में ब्लास्ट के साथ शुरू हुए तेज रिसाव ने डोमिनगढ़ के आसपास के मोहल्लों में रहने वाले लोगों खास तौर पर बहादुर शाह जफर कॉलोनी के बाशिंदों की सांसे रोक दीं। अपने घरों के साथ ही फैमिली को बचाने के लिए वह पानी रोकने की हर मुमकिन कोशिश करते नजर आए। भोर में करीब 4.30 बजे शुरु हुए रिसाव को रोकने में छह घंटे, तो वहीं टूटे रेग्युलेटर की मरम्मत कराने में जिम्मेदारों को पूरे 11 घंटे लग गए। इस दौरान वहां के लोगों की सांसे अटकी रहीं।

तेज आवाज के साथ रिसाव शुरू

रिसाव की दहशत के बाद लोगों को किसी तरह राहत की सांस आई। मगर यह खुशी ज्यादा देर नहीं रह सकी। रेग्युलेटर बंद होने की सूचना पाकर सुकून की नींद सो रहे लोगों को भोर में करीब पांच बजे घरों को खाली करने का फरमान सुनाया जाने लगा। पंप ऑपरेटर की मानें तो करीब सुबह 4.32 पर तेज आवाज हुई, उसने बाहर जाकर देखा तो उसके होश उड़ गए। बाढ़ का पानी तेजी से जफर कॉलोनी की ओर बढ़ रहा था। आनन-फानन में उसने जिम्मेदारों को सूचना दी। इस दौरान जफर कॉलोनी में फज्र की नमाज पढ़ने गए लोगों को कॉलोनी में तेज रफ्तार से पानी बढ़ते नजर आने लगा।

शुरू हो गई अफरा-तफरी

पानी तेजी से आता देख सभी जल्द नमाज अदा कर अपने घरों को पहुंचे और सारे जरूरी सामान इकट्ठा करने लगे। आस-पड़ोस के लोगों को भी उन्होंने इसकी सूचना दे दी। इस बीच करीब 6 बजे डीएम राजीव रौतेला अपने माहतों के साथ मौके पर पहुंच गए। उन्होंने फौरन ही जफर कॉलोनी को खाली कराने के लिए मुनादी शुरू करा दी। इस दौरान मोहल्ले के कुछ लोगों ने बंधों का रुख किया और प्रशासन की ओर शुरू किए गए राहत-बचाव काम में जुट गए।

किसी ने बोरियां बांधी, तो किसी ने भरा बालू

बंधे पर पहुंचते ही लोग पानी का रिसाव रोकने की कोशिश में जुट गए। इस दौरान कोई बारियों में बालू भरता हुआ नजर आया, तो किसी ने बालू भरे। कई लोग बांस और बल्लियां लगाकर पानी की रफ्तार को मंद करने की कोशिश करते हुए नजर आए। कई घंटे तक यह सिलसिला जारी रहा। करीब साढ़े सात बजे कमिश्नर अनिल कुमार भी मौके पर पहुंच गए। देखते ही देखते लोगों की भीड़ भी वहां जुटने लगी और मुकामी लोगों के साथ जनप्रतिनिधियों का भी जमावड़ा लगने लगा।

10.30 बजे रुका रिसाव

साढ़े 4 बजे से शुरू हुई रिसाव रोकने की जद्दोजहद करीब 10.30 बजे रंग लाई। इस दौरान लोगों के साथ ही जिम्मेदारों की जी-तोड़ मेहनत से रिसाव को रोका गया। मगर प्रशासनिक जिम्मेदारों ने इस टेंप्रेरी व्यवस्था पर ही मामला खत्म नहीं किया। उन्होंने फौरन ही बड़ी लोहे की चादरें मंगवाने के साथ ही लोहे की ग्रिल भी मंगवाई, जिसे रेग्युलेटर के हिसाब से मौके पर ही अल्टर किया गया। क्रेन की मदद से उसे रेग्युलेटर के आगे लगाया गया ताकि ज्यादा दबाव बढ़ने के बाद भी रिसाव फिर न शुरू हो और लोगों को डर का सामना न करना पड़े।

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दो जगह और रिसाव से बढ़ी टेंशन

एक तरफ जहां जिम्मेदार डोमिनगढ़ बंधे के रिसाव को रोकने की जद्दोजहद में लगे रहे, तभी वहां खबर आई कि इलाहीबाग रेग्युलेटर नंबर 3 और हांसूपुर रेग्युलेटर नंबर 9 में भी तेज रिसाव शुरू हो गया है। इलाहीबाग में लगे हुए दो पंपिंग सेट में से सिर्फ एक ही वर्क कर रहा था, जिसकी वजह से पानी भरने की स्पीड काफी बढ़ गई और आसपास के मोहल्लों में पानी लग गया। वहीं दूसरी ओर हांसूपुर में भी पानी के तेज रिसाव को रोकने के लिए लोहे की प्लेट डाली गई और काफी जद्दोजहद के बाद वहां का रिसाव भी काबू किया जा सका।

14 से ही रिसाव

14 अगस्त से ही बंधे में धीरे-धीरे रिसाव हो रहा था। 15 अगस्त की सुबह करीब 8 बजे से हालात काफी खराब हो गए और पानी का रिसाव काफी तेज हो गया, जिससे मोहल्ले में रहने वाले लोगों के होश फाख्ता हो गए। उन्होंने जिम्मेदारों को खबर की, तो उन्होंने झंडा रोहण के बाद पहुंचने की बात कही। उन्होंने किसी तरह अपने लेवल से पानी रोकने की कोशिश की। करीब 11 बजे जिम्मेदार मौके पर पहुंचे और पानी रोकने की जद्दोजहद में जुट गए। पूरा दिन मेहनत करने के बाद देर शाम छह बजे जाकर रिसाव को रोका जा सका।

कॉलिंग

14 अगस्त से ही रिसाव हो रहा था। इसकी सूचना जिम्मेदारों को दी गई थी, लेकिन वह बोरा और बालू डालकर चले गए। इससे रिसाव तो रुक गया था, लेकिन यह ज्यादा देर तक रुक नहीं सका।

- महमूद, मुकामी नागरिक

चार दिन से लगातार पंपिंग सेट चल रहा था, लेकिन मोहल्ले का पानी नहीं निकल पा रहा था। इसकी सूचना दी गई तो मालूम हुआ कि बंधे से रिसाव हो रहा है। 15 अगस्त को सुबह आठ बजे रिसाव काफी तेज हो गया, जो शाम छह बजे जाकर रुक सका।

- जीशान, मुकामी नागरिक

सुबह करीब साढ़े चार बजे मोहल्ले में पानी भरने लगा। जब पता किया तो मालूम हुआ कि बंधा टूट गया है। जब मौके पर जाकर देखा, तो मालूम हुआ है कि रेग्युलेटर की जो मरम्मत की गई थी, वह टूट गया है और उसी से पानी अंदर आने लगा है।

- अब्दुल राशिद, मुकामी नागरिक

सुबह बंधे से रिसाव तेज होने की सूचना मिलने के बाद मैंने अपने सारे इलेक्ट्रॉनिक आइम्स को दूसरे फ्लोर पर दिया। वहीं जरूरी कपड़े लेकर वहां से निकल गया। भोर से ही बहादुर शाह जफर कॉलोनी और आसपास के इलाकों में अफरा-तफरी भरा नजारा था।

- अली, मुकामी नागरिक