-बेहद लापरवाह रवैये से किया जा रहा है कैंट फ्लाइओवर का कंस्ट्रक्शन, बिना सेफ्टी गाटर किए जा रहे शिफ्ट

-ट्रैफिक रोक बिना ही हो रहा है काम, जरा सी चूक लाइफ के लिए बन सकती है आफत

बनारस में जिंदगी को ताक पर रखकर विकास कार्य किए जा रहे हैं। सड़कों पर गड्ढे और खुदाई तो आफत बने ही हुए हैं। लेकिन कब आपके ऊपर कोई गाटर 'यमराज' बनकर टूट पड़े इसकी कोई गारंटी नहीं है। 15 लोगों की जान और सैकड़ों को जख्मी करने वाला कैंट फ्लाईओवर हर वक्त नई जान लेने की फिराक में रहता है। 11 अक्टूबर को हुए दर्दनाक हादसे के बाद भी सेतु निगम के अधिकारियों को कोई फर्क नहीं पड़ा। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के रियल्टी चेक में इंतजामों की पोल खुल गई।

नहीं लिया हादसों से सबक

टीम जब सैटरडे को रियल्टी चेक करने मौके पर पहुंची तो बड़ी लापरवाही सामने आई। क्रेन से लोहे का गाटर शिफ्ट किया जा रहा थ और नीचे रिक्शा, ऑटो या कार की आवाजाही लगातार जारी रही। भीड़ पर लोहे की शटरिंग गिरता तो फिर डेढ़ साल पहले हुई घटना दोहराने में वक्त नहीं लगता। जबकि रूल्स के मुताबिक इस दौरान ट्रैफिक डायवर्जन करना चाहिए। वहीं ठेलों के ऊपर बिजली तार रखकर करंट दौड़ाया जा रहा है। इससे कभी हादसा हो सकता है।

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जान लेने के पूरे इंतजाम

कंस्ट्रक्शन के दौरान नीचे टै्रफिक चलता है। इसके लिए निर्माण वाली जगह पर जाल आदि लगाना चाहिए। पुल से कब शटरिंग या कोई भारी चीज नीचे गिर जाए कहा नहीं जा सकता है। कैंट रोडवेज के सामने टै्रफिक जाम के बावजूद क्रेन की मदद से गाटर उतारा जाता मिला।

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जारी है लापरवाही का सिलसिला

करीब 3 साल पहले फ्लाईओवर का एक्सटेंशन शुरू हुआ। छोटी-मोटी लापरवाही के साथ पिलर का निर्माण कम्प्लीट हो गया, लेकिन बिम रखने के साथ हादसे का सिलसिला शुरू हुआ। सेतु निगम की लापरवाही के कारण 16 मई 2018 को 3 बिम गिर गए, जिसकी चपेट में आने से 15 लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले में 6 लोगों को जेल के बावजूद लापरवाही नहीं रुकी। इसके बाद भी 2 बार हादसे हुए, जिसमें सेतु निगम की लापरवाही सामने आई।

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सीएम की भी नहीं सुनते

हादसे के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ खुद इसकी रिपोर्ट लेते रहते हैं। खुद कई बार सिक्योरिटी के इंतजाम करने के निर्देश दिए हैं। लेकिन सेतु निर्माण निगम के लापरवाह अधिकारी निर्देशों को एक कान से सुनते हैं और दूसरे कान से निकाल देते हैं। कंस्ट्रक्शन साइट पर सेतु निगम का एक भी ऑफिसर मौके पर नहीं दिखता। सुपरवाइजर के भरोसे ही निर्माण चल रहा है।

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डेडलाइन पूरे, काम अधूरे

हादसों ने चौकाघाट-लहरतारा फ्लाईओवर का बजट बढ़ा दिया है। 1800 मीटर लंबे फ्लाइओवर को तैयार करने के लिए 77.41 करोड़ का बजट बढ़कर अब 171 करोड़ हो गया फिर भी काम तेज गति नहीं पकड़ पाया है। तय समय में फ्लाईओवर को कम्प्लीट करने के दावे भी कछुआ चाल में तब्दील हो गए। इतने आराम से काम हो रहा है कि 4 बार निर्माण अवधि की डेट बढ़ाई गई। एक सप्ताह पहले वाराणसी दौरे पर आए डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या ने दिसंबर की डेड लाइन को जनवरी कर दिया।

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आंकड़ों में फ्लाईओवर

-2015 में चौकाघाट फ्लाईओवर को मिला एक्सटेंशन

-1800 मीटर लंबा है फ्लाईओवर

-40 परसेंट काम मई 2018 तक पूरा हो पाया

-16 मई 2018 को हादसे में 15 लोगों की मौत हुई

-77.41 करोड़ बजट में पास हुआ था फ्लाईओवर

-171 करोड़ तक पहुंच चुकी है बजट की कॉस्टिंग

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वर्जन इसमें मिलेगा