- जनता कफ्र्यू के दौरान शहर के सड़कों पर छाया सन्नाटा

- चौराहों पर मौजूद रही पुलिस, लोगों को समझा बुझाकर भेजा घर

- शहर में बंद रहीं दुकानें, घरों में ठहरे लोग

Meerut । देशभर में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए पीएम मोदी ने रविवार को सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक जनता कफ्र्यू की अपील की थी। मेरठ शहर की सड़कों पर सुबह सात बजे से ही सन्नाटा नजर आया। शहर का ऐसा कोई चौराहा कोई मार्ग या कोई मोहल्ला नही था जहां सन्नाटा ना पसरा हुआ हो। शहर की सड़कों पर पुलिसकर्मियों के अलावा इक्का दुक्का लोग ही दिखाई दे रहे थे। बाकि सब कुछ जैसे थम सा गया था और पूरी तरह शांत था। हालांकि, दिनभर कुछ लोग शहर की आबोहवा को देखने के लिए बाहर निकलने का प्रयास करते दिखे लेकिन पुलिस ने समझा-बुझाकर उनको वापस भेज दिया।

गलियों तक में पसरा सन्नाटा

मेरठवासियों ने जनता कफ्र्यू का पूरा सम्मान करते हुए दिनभर अपने आप को घरों में कैद रहे। ऐसा पहली बार हुआ था जब घरों में लोग अपनी सुरक्षा और अपनी मर्जी से कैद थे। शहर में कहीं भी ट्रैफिक का शोर या जाम नही लगा था। शहर की सड़कें खाली थी। शहर की सभी दुकानों पर सुबह से ही तालें लटके रहे और शहरभर में सन्नाटा पसर रहा है। शहर की प्रमुख सड़कों और चौराहों पर सिर्फ पुलिसकर्मी तैनात रहे। पुलिसकर्मियों द्वारा लोगों से अपील की जाती रही कि अनावश्यक रूप से घर से बिल्कुल न निकले।

जनता कफ्र्यू की रंगोली

जनता कफ्र्यू के तहत एक तरफ जहां शहर के लोग अपने घरों में रहकर कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए जंग लड़ रहे थे। वही दूसरी ओर शहर में चौराहों पर रंगोली बनाकर इस वायरस लड़ने के लिए प्रेरित किया जा रहा था। शहर के रेलवे रोड चौराहे पर पर सफेद पाउडर से बनाई गई रंगोली में बड़े-बड़े अक्षर में लिखा- 'कोरोना को भगाना है'। साथ ही चौराहे पर फूल पत्तियों के आकार वाली मन को मोहक करती एक भी रंगोली बनाई गई।

बढ़ गई सड़कों की चौड़ाई

जनता क‌र्फ्य के कारण सड़के खाली रहीं, सड़कों की चौड़ाई एकदम से बढ़ सी गई अक्सर शहर की सड़कों पर अतिक्रमण की हालत यह रहती थी कि दोनो तरफ ठेले, दुकानों और ऑटो रिक्शा के कारण आधी से अधिक सड़क भरी रहती थी, लेकिन रविवार को शहर की सड़कों पर कहीं अतिक्रमण या बाजार नही था। ऐसा पहली बार नजारा देखने को मिला और शहर की सड़कों की सूरत बदली सी दिखी।

निगम की टीम नही मुस्तैद

कोरोना के डर से जहां शहर के लोगों घरों में कैद रहकर अपना योगदान कर रहे थे वहीं नगर निगम के सफाई कर्मचारियों की टीम पूरी तरह मुस्तैद दी। दिनभर शहर की सड़कों से लेकर चौराहों को सैनेटराइज करने का काम निगम ने जारी रखा। सफाई कर्मचारियों ने गली गली जाकर कूड़ा उठाने का काम रखा।

बाजार में शाम को दिखे लोग

शाम पांच बजे के बाद से शहर के लोगों और बच्चों के सब्र का बांध टूटने लगा। पांच बजे के बाद से शहर के अधिकतर मोहल्लों, पार्क और बाजारों में लोगों का भीड़ उमड़ने लगी। बच्चे पार्क में बैट बॉल लेकर पहुंच गए। वहीं अधखुली दुकानों के बाहर भी भीड़ उमड़ने लगी। शाम होते होते शहर में एटीएम, डेयरी, पेट्रोल पंप भी खुलना शुरु हो गए और लोगों की कतारें लगना शुरु हो गई।

बदल गया नजारा

रेलवे के इतिहास में पहली बार ट्रेनों का संचालन बंद रखा गया। जिस कारण से रेलवे स्टेशन का नजारा पहली बार अनदेखा था। स्टेशन पर कुछ यात्री अनजाने में पहुंचे भी तो उनको कुछ नही मिला ना ट्रेन थी ना काउंटर खुले थे और ना ही किसी प्रकार की दुकान खुली थी। वहीं बस डिपो पर भी बसें तो दिखी लेकिन संचालन बंद रहने से केवल सन्नाटा ही पसरा रहा।

सोशल मीडिया और टीवी बना सहारा

रविवार को जनता कफ्र्यू में शहर के लोगों का सबसे बड़ा सहारा इंटरनेट और टीवी बना। लोग दिन पर टीवी स्क्रीन से चिपके रहे और न्यूज में देश का हाल जानते रहे वहीं बीच बीच में सोशल मीडिया पर पोस्ट भी जारी रही। फेसबुक से लेकर व्हाट्सऐप पर दिनभर संदेश और अपनों के हाल चाल का दौर जारी रहा।

कम पहुंचे श्रद्धालु

वही जनता कफ्र्यू के दौरान धार्मिक आस्था से जुडे मुद्दे पर भी लोगों ने काफी एहतियात बरती। मंदिर , मस्जिद खुले रहे लेकिन लोग काफी कम संख्या में पूजा और नमाज के लिए पहुंचे। वही कुछ गुरुद्वारे भी दिनभर खुले रहे।