अनुबंध की शर्त के अनुसार नहीं हो रही स्ट्रीट लाइट्स की रिपेयरिंग

शहर की अधिकतर सड़कों पर कई माह से खराब पड़ी स्ट्रीट लाइट्स

Meerut। शहर की सड़कों को रोशन करने की कवायद में नगर निगम विफल हो रहा है। निगम निजी कंपनी से अनुबंध कर शहर को कंपनी के हवाले कर देते है लेकिन उस कंपनी के काम की जांच किसी स्तर पर नही हो पाती। इसी का नतीजा है कि शहर के अधिकतर मार्गो पर स्ट्रीट लाइटें खराब हैं और जिस एजेंसी को इसकी रिपेयरिंग की जिम्मेदारी दी थी वह इससे बेखबर है।

दम तोड़ रही एलईडी

करीब पौने दो साल पहले नगर निगम ने शहर की पुरानी सोडियम स्ट्रीट लाइट्स को बदलकर एलईडी लाइट्स लगाने का और मेंटिनेंस का ठेका एनर्जी एफिशिएंसी सर्विस लिमिटेड को दिया था। इस ठेके के तहत कंपनी द्वारा ही पूरे शहर की करीब 42 हजार सोडियम लाइट्स को बदलने और उनके सालभर के मेंटिनेंस की जिम्मेदारी कंपनी की थी। हालांकि आज अधिकतर लाइटें खराब हैं और कंपनी द्वारा केवल कागजों में ही काम किया जा रहा है हकीकत में लाइट्स को ना तो बदला जा रहा है और ना ही रिपेयर किया जा रहा है।

सात साल का एग्रीमेंट

निगम के अनुसार शहर में लगी करीब 42 हजार सोडियम लाइट्स का बिल सालाना करीब 14 करोड़ रूपये आता था। साथ ही इनकी सालाना रिपेयरिंग में करीब 17.20 करोड़ रूपये खर्च होते थे। एलईडी लाइट्स वाली नई व्यवस्था से निगम ने करीब 9 से 10 करोड़ रूपये सालाना बचत का अनुमान लगाते हुए कंपनी से आधे भुगतान के साथ सात साल का अनुबंध किया था। हालांकि कंपनी की लापरवाही के चलते हालत पौने दो साल में ही बदतर हो गई है।

इन मार्गो पर अंधेरा

बागपत चौराहा, दिल्ली रोड

यूनिवर्सिटी रोड

हापुड़ अड्डा से भूमिया पुल

सोतीगंज से बेगमपुल

हापुड़ बाईपास

गांधी आश्रम से हापुड़ अड्डा

सम्राट पैलेस चौराहे से तेजगढ़ी

तेजगढ़ी से मेडिकल कॉलेज

समर गार्डन से भूमिया पुल

गंगानगर डिवाइडर रोड

संबंधित कंपनी को नोटिस जारी कर लाइट्स को समय से रिपेयर कराया जा रहा है। निगम द्वारा नियमित रूप से मार्गो की जांच भी हो रही है।

अली हसन कर्नी, अपर नगरायुक्त