- चित्रकूट के मानिकपुर एरिया में छिपे होने की मिली थी सूचना

- सुबह 3 बजे शुरू हुई मुठभेड़, एक अन्य दारोगा गंभीर रूप से घायल

- बैकअप फोर्स के तौर पर 39वीं वाहिनी पीएसी की एक कंपनी रवाना

- बांदा, हमीरपुर और महोबा से भी फोर्स मंगाई गई

LUCKNOW :

चित्रकूट के मानिकपुर स्थित निही चिरैया जंगल में गुरुवार सुबह खूंखार बबुली कोल गैंग से पुलिस की मुठभेड़ हो गई। मुठभेड़ में रैपुरा थाने में तैनात दारोगा जेपी सिंह शहीद हो गए जबकि, एसओ बहेल पुरवा गोली लगने से घायल हो गए। जिसके बाद एक घायल डकैत समेत तीन डकैतों को पुलिस ने दबोच लिया। तीन ओर से जंगल की घेराबंदी और 14 घंटे से जारी मुठभेड़ के बावजूद डकैत बबुली कोल अब तक पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ सका। बैकअप फोर्स के तौर पर 39वीं वाहिनी पीएसी की एक कंपनी को मौके पर भेजा गया है।

मुखबिर से मिला था इनपुट

गुरुवार सुबह पुलिस को मुखबिर से इनपुट मिला कि खूंखार डकैत बबुली कोल अपने गैंग के साथ निही चिरैया जंगल स्थित वन विभाग चौकी के करीब मौजूद है। जिस पर एसपी चित्रकूट प्रताप गोपेंद्र यादव ने मानिकपुर व मऊ सर्किल की दो टीमें गठित कर डकैतों को दबोचने के लिये रवाना किया। सुबह करीब 3 बजे पुलिस टीमें जैसे ही जंगल में दाखिल हुई, डकैतों ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। अचानक शुरू हुई फायरिंग में पुलिसकर्मियों को संभलने का मौका नहीं मिला और रैपुरा थाने में तैनात दारोगा जौनपुर के बिंदोरा गांव निवासी जेपी सिंह के पेट व पैर में दो गोलियां लगीं। जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए। डकैतों की फायरिंग से बचते हुए पुलिसकर्मी उन्हें लेकर जंगल के बाहर भागे लेकिन, तब तक दारोगा जेपी सिंह दम तोड़ चुके थे।

जवाबी फायरिंग में डकैत घायल

साथी दारोगा की मौत से भड़के पुलिसकर्मियों ने डकैतों को दो तरफ से घेरकर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। जिसमें गैंग का सक्रिय सदस्य डकैत राजू कोल जांघ में गोली लगने से घायल हो गया। उसके घायल होते ही डकैत बैकफुट पर आ गए और पीछे हटने लगे। यह देख पुलिसकर्मियों ने बहादुरी दिखाते हुए घायल डकैत राजू कोल समेत तीन डकैतों को दबोच लिया। पुलिसकर्मियों ने बैकअप फोर्स के लिये मैसेज किया। जानकारी मिलने पर एसओ बहेल पुरवा वीरेंद्र त्रिपाठी भी अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। इसी बीच सूचना मिली कि डकैत जंगल में उत्तरी दिशा की ओर से भागने की फिराक में हैं। जिस पर एसओ वीरेंद्र अपनी टीम के साथ उस ओर घेराबंदी के लिये चल पड़े। लेकिन, वे भी जैसे ही जंगल में दाखिल हुए डकैतों ने उन पर भी फायरिंग कर दी। जिससे एसओ त्रिपाठी भी घायल हो गए। उन्हें इलाज के लिये हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया। जहां उनकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही थी। खबर लिखे जाने तक मुठभेड़ जारी थी।

मोबाइल फोन से लगा रहा मदद की गुहार

पुलिस सूत्रों की मानें तो डकैत बबुली कोल के मोबाइल फोन का नंबर करीब चार दिन पहले पुलिस के हाथ लगा था। जिसके बाद उसके नंबर को पुलिस ने लिसनिंग पर लेकर उसकी पूरी बातचीत सुनी जाने लगी। बताया जा रहा है कि एनकाउंटर के दौरान पुलिस से तीन तरफ से घिरने पर बबुली ने अपने संपर्को को कॉल कर भागने के लिये बाइक की मांग की है। यह जानकारी मिलते ही पुलिस ने जंगल में उस जगह पर घेराबंदी कर ली जहां उसने बाइक पहुंचाने को कहा था।

पीएसी रवाना, एसटीएफ हाई अलर्ट पर

एडीजी लॉ एंड ऑर्डर आनंद कुमार ने बताया कि मानिकपुर के जंगल में जारी मुठभेड़ में डकैतों की पुख्ता घेराबंदी के लिये 39वीं वाहिनी पीएसी की एक कंपनी को रवाना किया गया है। इसके अलावा यूपी एसटीएफ को भी हाई अलर्ट पर रखा गया है। गौरतलब है कि पीएसी की 39वीं वाहिनी ने डकैतों के खिलाफ चलाए गए कई ऑपरेशंस में भाग लिया है और बेहतर रिजल्ट दिया है।

5.30 लाख का इनामी है डकैत बबुली

अपनी बर्बरता के लिये कुख्यात डकैत बबुली पर यूपी गवर्नमेंट ने पांच लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा है। इसके अलावा मध्य प्रदेश गवर्नमेंट ने उस पर 30 हजार रुपये का इनाम रखा है। पुलिस की मानें तो डकैत बबुली का चित्रकूट व मध्य प्रदेश के पन्ना डिस्ट्रिक्ट में जबरदस्त नेटवर्क है। जिसके चलते उसके खिलाफ होने वाले पुलिस ऑपरेशन की सूचना उसे पहले ही मिल जाती है। इसी वजह से पुलिस अब तक उसे कानून के शिकंजे में नहीं ला सकी है।

सीएम योगी ने दी श्रद्धांजलि

सीएम योगी आदित्यनाथ ने चित्रकूट में मुठभेड़ में शहीद हुए सब इंस्पेक्टर जेपी सिंह की वीरता को नमन किया है। उन्होंने दिवंगत आत्मा की शांति की कामना करते हुए शोक संतप्त परिजनों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट की है। सीएम ने कहा है कि सरकार शहीद जेपी सिंह के परिवार के साथ खड़ी है। शहीद एसआई जेपी सिंह ने 1991 में पुलिस फोर्स ज्वाइन की थी। वर्ष 2013 में उन्हें सब इंस्पेक्टर के पद पर प्रमोशन मिला था।

एडीजी समेत तमाम अधिकारी कर रहे कैंप

एडीजी लॉ एंड ऑर्डर आनंद कुमार ने बताया कि मुठभेड़ की जानकारी मिलते ही एडीजी इलाहाबाद जोन एसएन साबत, कमिश्नर चित्रकूट, डीआईजी चित्रकूट और जिलाधिकारी मानिकपुर एरिया में ही कैंप कर ऑपरेशन की मॉनीटरिंग कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि री-इंफोर्समेंट के लिये बांदा, महोबा और हमीरपुर के पुलिस कप्तानों को फोर्स भेजने का निर्देश दिया गया है।