PATNA (9 Oct) : विजयादशमी के मौके पर मंगलवार को राजधानी के गांधी मैदान में लाखों श्रद्धालुओं के बीच रावण, उसके भाई कुंभकरण और पुत्र मेघनाद का पुतला दहन हुआ। दशहरा कमेटी के तत्वावधान में आयोजित इस समारोह का उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बिहार विधान सभा के अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने दीप जलाकर किया। मौके पर रंग-बिरंगे गुब्बारे उड़ाकर मुख्यमंत्री ने विश्व शांति का संदेश दिया। अतिथियों का स्वागत दशहरा कमेटी के अध्यक्ष कमल नोपानी ने किया।

वानर सेना को देख लगे जय श्रीराम के नारे

गांधी मैदान में रावण वध समारोह की शुरुआत भव्य झांकी से हुई। भगवान श्रीराम और भ्राता लक्ष्मण के साथ वानर सेना ने प्रवेश किया तो जय श्रीराम की जयकार से गांधी मैदान गूंज उठा। झांकी में शामिल वानर सेना ने मैदान के दो चक्कर लगाए। इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भगवान श्रीराम की आरती उतारी।

हनुमान ने किया लंका दहन

समारोह में लंका दहन की भी झांकी दिखाई गई। भगवान राम की आज्ञा पर मां जानकी की तलाश में पहुंचे हनुमान ने मां जानकी को अशोक वाटिका में प्रभु का संदेश दिया। इसके बाद राक्षसों द्वारा उनकी पूंछ में लगाई आग से उन्होंने लंका का ही दहन कर दिया।

श्रीराम ने किया रावण वध

लंका दहन के उपरांत भगवान श्रीराम ने कुंभकरण का वध किया। इसके बाद लक्ष्मण ने मेघनाथ का वध किया। सबसे अंत में श्रीराम ने लंकापति रावण का तीर चलाकर वध किया। तीर लगते ही रावण का पुतला धूं-धूं कर जल उठा।

-आधे घंटे आतिशबाजी से रंग-बिरंगा हुआ आसमान

रावण का पुतला दहन के बाद गांधी मैदान में लगभग आधे घंटे तक आकर्षक आतिशबाजी की गई। इससे गांधी मैदान का आकाश रंग-बिरंगे प्रकाश से जगमग होता रहा। लोग आकर्षक आतिशबाजी का आनंद लेते रहे।

-अस्थाई तालाबों में हुआ मूर्ति विसर्जन

राजधानी पटना में दुर्गा पूजा खत्म होने के बाद प्रतिमाओं का विसर्जन गंगा किनारे बनाए अस्थाई तालाबों में किया जा रहा है। बताते चलें कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के विशेष दिशा निर्देश पर ये आदेश जारी किया गया था कि गंगा में विसर्जन करने वाले पूजा समितियों से प्रशासन जुर्माना वसूलेगी। ट्रिब्यूनल के इस विशेष दिशा-निर्देश से पूजा समिति के सदस्यों को अवगत करा दिया गया था। समिति के सदस्यों ने एनजीटी के आदेश का पालन करते हुए इस बार गंगा की डायरेक्ट धारा में मूर्ति विसर्जन नहीं किया।

- पटना में तीन जगह मूर्ति विसर्जन

दुर्गा मूर्तियों के विसर्जन के लिए राजधानी में गंगा किनारे तीन गंगा घाटों पर तालाब बनाया गया जिसमें भद्र घाट, दीघा घाट और दानापुर शामिल हैं। इन घाटों पर बुधवार सुबह से ही मूर्ति विसर्जन करने वाले लोगों की भीड़ लगने लगी। पटना के सिटी इलाके में भद्र घाट के पास प्रशासन द्वारा बनाए दो तालाबों में मूर्तियों का विसर्जन किया जाएगा। गंगा के किनारे पर बसे अन्य शहरों में भी प्रतिमा विसर्जन के लिए शहर के गंगा घाटों पर अस्थायी तालाब बनाए गए हैं।

-जागरूकता के लिए लगाए गए थे बैनर

एनजीटी के आदेश और लोगों को बदली विसर्जन व्यवस्था की जानकारी देने के लिए शहर के प्रमुख पूजा पंडालों और घाटों की ओर जाने वाले रास्ते में जगह जगह होर्डिंग लगाए गए थे। जिनमें जानकारी दी गई थी कि नियम का उल्लंघन करेंगे और नदी में विसर्जन करने का प्रयास करेंगे तो उन पर एफआईआर दर्ज कर 50 हजार रुपए जुर्माना राशि वसूली जायेगी। दंड की ये राशि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को दी जाएगी।