लखनऊ (ब्यूरो)। भोले-भाले लोगों को ठगने के लिये जालसाजों ने डेटिंग एप के रूप में नयी तरकीब निकाली है। इसके जरिये शिकंजे में फंसे लोगों को ठगे जाने का अहसास तब होता है जब वे अच्छी खासी रकम डुबो चुके होते हैं। इस तरह की ठगी के मामलों में पीडि़त बदनामी के डर से शिकायत करने से कतराते हैं लेकिन, एक पीडि़त ने हिम्मत बटोरते हुए साइबर क्राइम सेल में शिकायत की है। उससे रकम ऐंठने के बाद भी एप के संचालकों ने डेटिंग के लिये युवती नहीं पहुंची। पुलिस ने शिकायत पर जांच शुरू कर दी है।

रजिस्ट्रेशन के दिये तीन प्लान

इंदिरानगर निवासी सौरभ (बदला नाम) एक सॉफ्टवेयर प्रोफेशनल हैं। उन्होंने बताया कि बीते दिनों दोस्तों के कहने पर एक डेटिंग एप डाउनलोड की थी। एप को फ्री बताया गया था। डाउनलोड के बाद जब एप को ओपन किया तो उसने नाम व मोबाइल नंबर रजिस्टर्ड कराने को कहा गया। नाम व नंबर से एप में खुद को रजिस्टर्ड करने के बाद उसमें मेंबरशिप के लिये तीन प्लान प्लेटिनम, गोल्ड व सिल्वर देकर ऑप्शन चुनने को कहा गया। प्लेटिनम में हर महीने तीन युवतियों, गोल्ड में दो व सिल्वर में एक युवती से चैटिंग का ऑफर था। सौरभ ने बताया कि उसने प्लेटिनम प्लान चुना। जिसके बाद उसे मेंबरशिप के लिये 1000 रुपये ऑनलाइन पेमेंट करने को कहा गया। युवतियों से फ्रेंडशिप के लालच में सौरभ ने यह रकम पेमेंट कर दी।

वतियों से शुरू हुई चैटिंग

सौरभ ने बताया कि मेंबरशिप लेने के बाद उसे तीन युवतियों की प्रोफाइल भेज दी गई। उसने तीनों युवतियों से एप पर ही चैटिंग शुरू कर दी। दो युवतियों तो तीन-चार दिन की चैटिंग के बाद उसे ब्लॉक कर दिया लेकिन, सोनम नाम की युवती ने उससे चैटिंग जारी रखी। करीब 10 दिन बाद सोनम ने सौरभ को कॉल किया और डेट पर चलने की इच्छा जताई। सौरभ इसके लिये फौरन तैयार हो गया। जिस पर सोनम ने 20 हजार रुपये सिक्योरिटी मनी के रूप में जमा करने को कहा, उसने डेट खत्म होने पर 10 परसेंट जीएसटी कटने के बाद यह रकम वापस होने की बात कही। सौरभ ने इस रकम का ऑनलाइन पेमेंट कर दिया।

इंतजार नहीं हुआ खत्म

सौरभ के मुताबिक, युवती ने उसे फन रिपब्लिक स्थित एक रेस्टोरेंट में बुलाया। वह बताए गए समय पर पहुंच गया। काफी देर तक इंतजार के बाद भी जब युवती नहीं आई तो उसने उसके मोबाइल नंबर पर कॉल किया। लेकिन, कई बार नंबर डायल करने के बाद भी कॉल रिसीव नहीं हुई। कई घंटे गुजरने के बाद सौरभ वापस लौट आया। शाम को फिर से उसने युवती को कॉल किया लेकिन, नंबर स्विचऑफ मिला। ठगे जाने का अहसास होने पर सौरभ ने साइबर क्राइम सेल में शिकायत की।

विदेशी सर्वर पर होस्ट एप

सॉफ्टवेयर प्रोफेशनल सचिन गुप्ता ने बताया कि जालसाज डेटिंग साइट्स या एप के जरिए लोगों को चूना लगा रहे हैं। दरअसलस, यह वेबसाइट व एप विदेशी सर्वर पर होस्ट कराते हैं। रजिस्ट्रेशन के दौरान वे फर्जी जानकारी देते हैं। जिसकी वजह से वे सुरक्षा एजेंसियों के राडार पर नहीं चढ़ते। इसके अलावा जालसाज पेमेंट रिसीव करने के लिये पेटीएम वॉलेट का इस्तेमाल करते हैं। युवतियों के नंबर भी फेक आईडी पर लिये जाते हैं, ताकि पुलिस उन तक न पहुंच सके।

'डेटिंग एप या वेबसाइट जालसाजों का फेंका गया जाल होता है। ऐसी किसी भी साइट या एप में बताई गई रकम किसी को भी जमा नहीं करनी चाहिये। सौरभ की शिकायत पर जांच की जा रही है।'

- अभय कुमार मिश्र, एसीपी

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