- कारगिल में शहीद मेजर प्रतीक मिश्र के पिता का निधन

- बेटी ने सिर मुड़वाकर किया अंतिम संस्कार

- मेजर के दोस्त ने निभाया बेटे का फर्ज

LUCKNOW : फर्ज चाहे देश के लिए हो या फिर परिवार के लिए मिश्रा परिवार का कोई सदस्य कभी पीछे नहीं हटा। हम बात कर रहे हैं कारगिल शहीद मेजर प्रतीक मिश्रा की। बुधवार को शहीद मेजर प्रतीक मिश्रा के पिता रिटायर्ड इनकम टैक्स आफिसर प्रदीप मिश्रा का विवेकानंद हॉस्पिटल में देहांत हो गया। शहीद मेजर उनके इकलौते बेटे थे। पिता की मौत के बाद अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी उनकी बेटी स्मिता और मेराज प्रतीक के बचपन के दोस्त विजय सिंह ने निभाई। खून से बढ़कर भाई, बहन के इस रिश्ते ने न केवल पिता को एक साथ मुखाग्नि दी बल्कि दोनों ने सिर मुड़वाकर उनकी अस्थियों को प्रयागराज में गंगा में विसर्जित किया।

कारगिल में शहीद हुए थे मेजर प्रतीक मिश्र

इंदिरानगर सेक्टर 18 निवासी प्रदीप मिश्रा के परिवार में उनकी पत्नी रेशमा मिश्रा, बेटी स्मिता और बेटे मेजर प्रतीक मिश्रा थे। मेजर प्रतीक मिश्रा कारगिल युद्ध में दुश्मनों से लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हो गये थे। देश के लिए लड़ते हुए शहीद होने पर पूरे परिवार को उनपर गर्व था। इकलौते बेटे को खो कर भी वह टूटे नहीं थे, लेकिन बुढ़ापे ने उन्हें तोड़ दिया। 9 जुलाई को मेजर के पिता प्रदीप मिश्रा का स्वास्थ्य अचानक बिगड़ गया और उन्हें हेल्थ सिटी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, जहां से स्वास्थ लाभ होने पर वापस घर लौटे, लेकिन कुछ दिन बाद उनकी तबियत फिर बिगड़ गई। उन्हें विवेकानंद हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, जहां बुधवार को उनकी मौत हो गई।

बेटी और दोस्त ने निभाया फर्ज

मेजर के पिता प्रदीप मिश्रा की मौत की सूचना पाकर गुड़गांव में रहने वाली बेटी स्मिता लखनऊ पहुंची। मेजर के बचपन के दोस्त विजय कुमार सिंह और स्मिता ने बुधवार को भैंसा कुंड में उनके शव का अंतिम संस्कार किया। वहीं गुरुवार को उनकी अस्थियों का विसर्जन करने के लिए प्रयागराज गए। वहां सिर मुड़वाकर गंगा में अस्थियां विसर्जित की। बचपन के दोस्त विजय कुमार सिंह मेजर प्रतीक मिश्रा के शहीद होने के बाद उनके माता पिता के साथ रहते हैं और एक बेटे का फर्ज निभाते हैं। खून के रिश्ते से ऊपर उठकर विजय और स्मिता ने भाई बहन का फर्ज निभाते हुए पिता को एक साथ मुखाग्नि देकर उनका अंतिम संस्कार किया।