नई दिल्ली (एएनआई)। दिल्ली पुलिस में एक हेड कांस्टेबल की बेटी ने अपने पिता के लिए इमोशनल लेटर लिखा है। यह बेटी क्लॉस 4 में पढ़ती है और उसे अपने पिता पर काफी गर्व है जो लॉकडाउन के बीच अपनी जान जोखिम में डालकर दूसरों की सुरक्षा में तैनात हैं। देश में पुलिस के जवान दिन-रात कड़ी मेहनत कर रहे है, ताकि आम जनता की सुरक्षा में कोई कम नहीं रह जाए। ऐसे ही एक हेड कांस्टेबल हैं अनिल, जिनकी चार साल की बेटी विधी है। विधी ने अपने पापा के नाम एक पत्र लिखा है।

यह लिखा है लेटर में

बेटी लिखती है, 'आप रात को सोते नहीं हैं। आप देर से आते हैं। कभी-कभी आप घर नहीं आते हैं। तो मैं, विधी ढाका, अनिल कुमार ढाका की बेटी, आपको और आपके स्टाफ को धन्यवाद देना चाहती है। आप अपने जीवन के बारे में सोचे बिना सभी का ख्याल रख रहे।' शुक्रवार को एएनआई से बात करते हुए, 8 वर्षीय विधी ने कहा, "मैंने ऐसा इसलिए लिखा है पिछले कुछ दिनों से मैं अपने पिताजी को घर में नहीं देख रही थी जब भी मैं उठती, पापा घर से जा चुके होते। मुझे अपने पिता और सभी पुलिस कर्मियों पर गर्व है लेकिन मैं भी हूं, हालांकि मुझे डर है कहीं वो खुद न बीमार पड़ जाएं। इसलिए, मैंने यह पत्र लिखा उनके लिए और अन्य सभी पुलिसकर्मियों के लिए, डॉक्टर के लिए जो कड़ी मेहनत कर रहे हैं। "

पिता हुए काफी खुश

बेटी के इस लेटर को लेकर पिता काफी उत्साहित हैं। उन्होंने अपने सीनियर्स को भी यह लेटर पढ़ाया। अनिल कहते हैं, 'मैंने एसएचओ को यह पत्र दिखाया था। वह भी इसे पढऩे के बाद चले गए थे। पहले मेरी बेटी मुझे घर से बाहर नहीं जाने देती थी, उसकी इच्छा थी कि मैं ड्यूटी पर जाने के बजाए उसके साथ घर पर समय बिताउं। मगर मुझे अच्छा लग रहा है कि उसे समझ आ चुका है कि मैं राष्ट्र की सेवा कर रहा हूं।'

भारत में कोरोना का कहर

14 अप्रैल तक चलने वाले इस 21 दिवसीय लॉकडाउन के बाद भी देश में कोरोना पीडि़तों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर की आधिकारिक वेबसाइट पर दिए गए आंकड़े के मुताबिक अब तक देश में कोरोना के 23 सौ से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। इनमें कोरोना के 2088 एक्टिव केसेज हैं। वहीं 156 लोग उपचार से ठीक हो गए हैं। करीब 56 लोगों की डेथ हो चुकी है। इसके अलावा 1 मरीज पलायन कर गया है।

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