जूनियर नेशनल बॉक्सिंग के ट्रायल सलेक्शन की तैयारी के लिए पहुंची महिला खिलाड़ी

महिला खिलाडि़यों में आर्मी ज्वाइन करने का क्रेज, खूब कर रहीं तैयारी

Meerut। आर्मी में जाने की चाह में अब लड़कियों को बॉक्सिंग करना रास आ रहा है। नेशनल लेवल की तैयारियां कर रहीं महिला खिलाडि़यों का मानना है कि स्पो‌र्ट्स कोटे से आर्मी में जाने का सपना जल्दी व आसानी से पूरा होगा, वहीं शारीरिक रुप से मजबूती भी मिलेगी। यही वजह है जो स्पो‌र्ट्स में उन्होनें बॉक्सिंग को प्राथमिकता दी है। ये सभी खिलाड़ी नेशनल लेवल के ट्रायल सलेक्शन की तैयारियों में जुटी हैं।

दूर-दराज से आई खिलाड़ी

दरअसल, कैलाश प्रकाश स्टेडियम में आठ सितम्बर को रोहतक में आयोजित नेशनल लेवल चैम्पियनशिप के लिए ट्रायल सलेक्शन का कैम्प लगाया गया है। कैम्प के बाद पांच सितम्बर को ट्रायल बेस पर सलेक्शन होगा कि कौन से खिलाड़ी नेशनल लेवल खेलने रोहतक जाएंगे। इसमें दूर दराज से 24 ग‌र्ल्स खिलाड़ी मेरठ पहुंची हुई है। जिनमें मेरठ, सहारनपुर, गाजियाबाद, प्रयागराज, बनारस, अलीगढ़, गोरखपुर, नोएडा, आगरा आदि से खिलाड़ी आई हैं।

आर्मी में जॉब्स की चाहत

कैम्प में आई खिलाडि़यों से बात करने के बाद सामने आया कि 24 में से 18 खिलाड़ी तो ऐसी ही हैं जो आर्मी में जाना चाहती हैं। इसके लिए वो बॉक्सिंग में किस्मत आजमा रही हैं। ग‌र्ल्स के मुताबिक नेशनल लेवल खेलकर फौज में जाना आसान हो जाता है साथ ही बॉक्सिंग के जरिए व खुद को मजबूत बनाएंगी।

खुल गई है अधिक भर्तियां

दरअसल, आर्मी में लड़कियों की रूचि का मेन कारण ये भी माना जा रहा है कि अब आर्मी में ग‌र्ल्स की एंट्री अधिक है। बीते तीन साल में आर्मी में ग‌र्ल्स की जॉब्स पहले की तुलना में 30 प्रतिशत बढ़ी है।

क्या कहती है खिलाड़ी

मैं अभी नाइन क्लास में हूं। स्कूल से छूट्टी लेकर यहां आई हूं, मुझे आर्मी में जाने का सपना है। मेरे लोकल कोच ने नॉलेज दी थी कि नेशनल प्लेयर के आसानी से सलेक्शन होते है।

आशु, बनारस

मैं किसान की बेटी हूं, देश के लिए मेहनत करना मैंने पिताजी से सीखा है। मैं आगे बढ़कर देश की सेवा करना चाहती हूं। उस मौके को पाने का आसान रास्ता है स्पो‌र्ट्स, इसी कारण में बॉक्सिंग में आई हूं।

शिखा, अलीगढ़

प्राइवेट स्टडी कर रही हूं, मेरा ज्यादा फोकस है नेशनल लेवल पार करना ताकि मुझे आर्मी में जाने में आसानी हो, मुझे आर्मी में जाना है और अगर मैं बॉक्सिंग करुंगी तो मुझे शारीरिक रूप से मजबूती भी मिलेगी।

सिमरन, सहारनपुर

आर्मी में अब ग‌र्ल्स की जॉब ज्यादा आ रही है, मुझे भी आर्मी में जाना है देश के लिए कुछ करने का जज्बा है, मिल्खा सिंह जैसी फिल्मों ने मुझे प्रेरित किया है।

सोनिया, सहारनपुर

मेरा और मेरे पापा का सपना है कि मैं आर्मी में किसी अधिकारी पद पर जाऊं, आर्मी में जाने के लिए मैं अच्छी नेशनल प्लेयर बनना चाहती हूं।

गुनगुन, शामली

ये बात ठीक है कि सरकारी जॉब्स में ट्रायल बेस पर नेशनल व इंटरनेशनल लेवल के प्लेयर को डायरेक्ट सलेक्शन मिलता है। आर्मी में ग‌र्ल्स की वेकेंसी भी बढ़ी है, इसलिए आर्मी में जाना पसंद कर रही है। बॉक्सिंग ऐसा गेम है जिसमें आप खुद को शारीरिक व मानसिक रूप से खुद का मजबूत बना सकते हैं।

वैशाली सिंह, नेशनल कोच, कैलाश प्रकाश स्टेडियम