20 मिलियन पाउंड खर्च

ब्रिटिश पीएम डेविड कैमरन का कहना है कि यूके में दूसरे देशों से आने वाली महिलओं को अंग्रेजी आना जरूरी है। उन्हें यहां पर अंग्रेजी का टेस्ट पास करने के बाद ही रहने की परमीशन दी जाएगी। वरना उन्हें यहां से वापस कर दिया जाएगा। ब्रिटिश सरकार का यह आदेश आगामी अक्टूबर से लागू होने की संभावना है। अक्टूबर के बाद से पांच साल के स्पाउस वीसा पर यूएके आई महिलाओं के पास इस परीक्षा को पास करना होगा। सबसे खास बात तो यह है कि उन्हें इसके लिए ढाई साल का वक्त मिलेगा। इस पर ब्रिटश सरकार करीब 20 मिलियन पाउंड खर्च करने की तैयारी में है। वहां पर अंग्रेजी की क्लासेस आदि लगाई जाएंगी। जिससे कि महिलाओं की अंग्रेजी में सुधार हो सके।

टेररिज्म के लिए नई स्ट्रेटेजी

वहीं इस संबंध में सूत्रों की माने तो कहा जा रहा है कि सरकार का यह कदम बढ़ते टेररिज्म से निपटने की नई स्ट्रेटेजी से जुड़ा है। महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सरकार काफी चिंतित है। सरकार का मानना है कि दूसरे से देशों से आकर बसी महिलाएं अंग्रेजी न आने की वजह से और ज्यादा टेरिज्म का शिकार होती हैं। आज यूके में रह रहीं 1,90,000 मुस्लिम महिलाओं में अंग्रेजी भाषा के स्किल्स की जरूरत है। 35,000 से अधिक महिलाएं ऐसी हैं जो अंग्रेजी बोलना और ठीक से पढ़ना भी नहीं जानती हैं। जिससे यहां पर हालात काफी चिंतनीय होते जा रहे हैं।

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