भारतीय समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक पत्रकारों से बात करते हुए शहरयार खान ने कहा, “हम ऐसे अपराधियों को अपने देश से काम करने की अनुमति नहीं दे सकते.”

शहरयार खान ने ज़ोर देकर कहा कि अगर दाऊद अभी पाकिस्तान में होते तो उन्हें गिरफ़्तार कर लिया गया होता.

इससे पहले पाकिस्तान सरकार ने हमेशा दाऊद की वहाँ मौजूदगी से इंकार किया है, हालाँकि भारतीय सुरक्षा एजेंसी का कहना रहा है कि उन्होंने दाऊद के पाकिस्तान में होने के सुबूत बार-बार पाकिस्तान को दिए हैं.

भारतीय एजेंसियों के अनुसार क्लिक करें 1993 के क्लिक करें मुंबई धमाकों के बाद दाऊद ने कराची का रुख किया था.

शहरयार खान ने ज़ोर देकर कहा कि अगर दाऊद अभी पाकिस्तान में होते तो उन्हें गिरफ़्तार कर लिया गया होता.

इससे पहले पाकिस्तान सरकार ने हमेशा दाऊद की वहाँ मौजूदगी से इंकार किया है, हालाँकि भारतीय सुरक्षा एजेंसी का कहना रहा है कि उन्होंने दाऊद के पाकिस्तान में होने के सुबूत बार-बार पाकिस्तान को दिए हैं.

भारतीय एजेंसियों के अनुसार क्लिक करें 1993 के क्लिक करें मुंबई धमाकों के बाद दाऊद ने कराची का रुख किया था.

शहरयार खान की पत्रकारों से ये बातचीत उनकी नई किताब ‘क्रिकेट कॉल्ड्रन: द टर्ब्युलेंट पॉलिटिक्स ऑफ़ स्पोर्ट इन पाकिस्तान’ से जुड़े एक कार्यक्रम के दौरान हुई.

ये कार्यक्रम लंदन में भारतीय पत्रकार संघ द्वारा आयोजित किया गया था

तालिबान से बातचीत

पीटीआई के अनुसार शहरयार खान ने कहा, “मुझे लगता है कि वो (दाऊद) संयुक्त अरब अमीरात में हैं. नवाज़ शरीफ़ उन अपराधियों के खिलाफ़ कार्रवाई करने के पक्ष में हैं जो पाकिस्तान के साथ-साथ दूसरे देशों पर असर डालते हैं, चाहे वो भारत हो, अफ़गानिस्तान या फिर कोई और. हम अपराधियों को अपने यहाँ फलने-फूलने नहीं दे सकते.

अगर वो हमारे यहाँ आएँगे तो हम उनके खिलाफ़ कार्रवाई करेंगे. तभी मुझे लगता है कि उन्होंने (दाऊद) ने पाकिस्तान छोड़ दिया है.”

पाकिस्तान के पूर्व विदेश सचिव ने दोहराया कि पाकिस्तान की नई सरकार तालिबान के कुछ तबकों से बात करेगी.

उन्होंने कहा, “पाकिस्तान तालिबान के नर्म तबकों से बातचीत के पक्ष में रहा है. लेकिन एक बड़ी संख्या में ये लोग नर्म नहीं हैं. पाकिस्तान में कार्रवाई कर रहे लोग नर्म नहीं हैं.”

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