इंडिया की यंग जेनरेशन ने वो कमाल कर दिखाया जो टीम इंडिया के महान प्लेयर्स आज से पहले नहीं कर पाए. इंडिया ने टेस्ट सीरीज में पहली बार किसी टीम को 4-0 से हराने का कारनामा किया है. इस जीत के साथ ही इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया से उसके घर मिली 4-0 की हार का भी बदला ले लिया.
इससे पहले इंडिया ने इतने टेस्ट मैच एक साथ नहीं जीते हैं. दिल्ली टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया को 6 विकेट से हराकर इंडिया ने 4 टेस्ट मैचों की सीरीज पर 4-0 से कब्जा जमा लिया. 82 रन बनाने वाले पुजारा ने जीत में अहम भूमिका निभाई. इस सीरीज के सभी टेस्ट मैचों में ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीते मगर उन्हें सभी मैचों में हार झेलनी पड़ी.
धोनी ने उठाई बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी
इंडियन कैप्टन महेंद्र सिंह धोनी को ऑस्ट्रेलियाई फॉर्मर कैप्टन एलन बॉर्डर और फॉर्मर इंडियन कैप्टन सुनील गावस्कर ने ट्रॉफी सौंपी. इससे पहले यह ट्रॉफी ऑस्ट्रेलिया के नाम थी. जब ऑस्ट्रेलिया ने इंडिया को अपने होम ग्राउंड में 4-0 से हराया था.
अश्िवन मैन ऑफ द सीरीज
4 टेस्ट मैचों की सीरीज में 29 विकेट लेने वाले आर अश्िवन को मैन ऑफ द सीरीज चुना गया. आर अश्िवन ने इस मैच की फर्स्ट इनिंग में भी 5 विकेट हासिल किए थे. इसके अलावा अश्िवन ने सेकेंड इनिंग में 2 विकेट हासिल किए थे.
इस सीरीज से पहले आ अश्िवन पर काफी दबाव था. इंग्लैंड सीरीज में अश्िवन की बॉलिंग अच्छी नहीं रही थी. मगर इस सीरीज में अश्िवन ने शानदार बॉलिंग की थी. अश्िवन ने चेन्नई टेस्ट में 12 विकेट लिए थे.
जडेजा मैन ऑफ द मैच
लेफ्ट आर्म स्िपनर रवींद्र जडेजा को इस मैच में 8 विकेट के लिए मैन ऑफ द मैच चुना गया. रवींद्र जडेजा ने सेकेंड इनिंग में 58 रन देकर 5 विकेट लिए. जो उनके करियर की बेस्ट बॉलिंग है. फर्स्ट इनिंग में जडेजा ने 3 विकेट लिए थे. जडेजा ने इस सीरीज में ऑस्ट्रेलयाई कैप्टन को 6 बार आउट किया. जिसमें से क्लार्क को 5 बार और लास्ट टेस्ट में शेन वॉटसन को भी पवेलियन भेजा.
इंडिया की शानदार जीत
मैच जीत के लिए टीम इंडिया को 155 रनों का टारगेट मिला. जिसे इंडिया ने 4 विकेट खोकर हासिल कर लिया. यह मैच केवल 3 दिन में ही पूरा हो गया. 155 रनों के टारगेट का पीछा करने उतरी टीम इंडिया को पहला झटका मुरली विजय(11) के रूप में लगा. जिन्हें ग्लेन मैक्सवेल ने बोल्ड किया. इसके बाद पुजारा और विराट कोहली(41) ने सेकेंड विकेट के लिए 104 रनों की पार्टनरशिप की.
कोहली के आउट होने के बाद इंडिया को जल्दी-जल्दी तीन झटके लगे. सचिन तेंदुलकर 1 रन बनाकर लायन की बॉल पर एलबीडब्लू आउट हो गए. इसके बाद अपना पहला टेस्ट मैच खेल रहे अजिंक्या रहाणे भी 1 रन बनाकर आउट हो गए. इसके बाद कैप्टन धोनी(12) और पुजारा ने टीम इंडिया को जीत तक पहुंचाया.
43 साल बाद कंगारुओं का क्लीन स्वीप
लंबे समय तक क्रिकेट पर अपनी बादशाहत रखने वाले ऑस्ट्रेलिया को लगभग 4 दशक बाद क्लीन स्वीप का सामना करना पड़ा. इससे पहले 1969-70 साउथ अफ्रीका ने ऑस्ट्रेलिया को 4 टेस्ट मैचों की सीरीज में 4-0 से हराया था.
सिडल की हाफ सेंचुरी
इस मैच में अगर किसी बैट्समैन ने इंडियन स्िपनर्स का डटकर सामना किया है तो वे हैं पीटर सिडल. सिडल ने दोनों इनिंग में हाफ सेंचुरी लगाई हैं. फर्स्ट इनिंग में 51 रन बनाने वाले पीटर सिडल ने सेकेंड इनिंग में भी 50 रन बनाए. सेकेंड इनिंग में तो सिडल ने केवल 45 बॉल पर 7 चौकों की मदद से ये रन जड़े.
पुछल्लों ने संभाला
पुछल्ले बैट्समैनों की इनिंग की मदद से ही ऑस्ट्रेलिया इस स्कोर तक पहुंच पाया है. ऑस्ट्रेलिया ने एक समय 94 रनों पर ही अपने 7 विकेट खो दिए थे. ऑस्ट्रेलिया ने फर्स्ट इनिंग में लास्ट 3 विकेट की पार्टनरशिप में 126 और सेकेंड इनिंग में लास्ट 3 विकेट की पार्टनरिशप में 67 रन जोड़े हैं.
फर्स्ट इनिंग में भी ऑस्ट्रेलिया ने 136 रनों पर अपने 7 विकेट खो दिए थे. मगर फिर भी ऑस्ट्रेलिया 262 रनों तक पहुंचने में कामयाब हो गया. ऑस्ट्रेलियाई टॉप ऑर्डर और मिडिल ऑर्डर पूरी तरह से नाकाम रहा है.
इंडियन स्िपन की तिकड़ी का कमाल
इस टर्निंग ट्रैक पर इंडियन बैटिंग तो फ्लॉप साबित हुई. मगर इंडियन स्िपन की तिगड़ी ने मैच में वापसी करा दी है. सेकेंड इनिंग में ऑस्ट्रेलियाई को झटका देने की शुरुआत रवींद्र जडेजा ने की. जडेजा ने सबसे पहले ओपनर बन आए ग्लेन मैक्सवेल(08) को बोल्ड किया. इसके बाद जडेजा ने वॉर्नर(08) को एलबीडब्लयू आउट कर कंगारुओं को दूसरा झटका दिया.
2 विकेट आउट होने के बाद कोवान और ह्यूज ने विकेट पर टिकने की कोशिश की. मगर आर अश्िवन ने ह्यूज(06) को एलबीडब्लू आउट कर ऑस्ट्रेलिया का तीसरा विकेट झटका. इसके बाद क्रीज पर उतरे ऑस्ट्रेलियाई कैप्टन शेन वॉटसन प्रज्ञार ओझा की बॉल पर बोल्ड हो गए. शेन वॉटसन ने केवल 5 रन बनाए. अगले ही ओवर में जडेजा ने कोवान(24) को एलबीडब्लू कर पवेलियन भेजा. अभी तक केवल कोवान ही डबल फिगर में पहुंच पाए हैं.
लायन की दहाड़
इससे पहले ऑस्ट्रेलियाई ऑफ स्िपनर नाथन लायन के करियर बेस्ट 94/7 की वजह से इंडिया की वजह इंडिया 272 रनों पर सिमट गई. टीम इंडिया तीसरे दिन केवल 6 रन ही जोड़ पाई. टीम इंडिया तीसरे दिन 8 विकेट के नुकसान पर 266 रनों से आगे खेलने उतरी थी. लायन ने ईशांत शर्मा और प्रज्ञान ओझा को लगातार बॉल पर आउट कर इंडियन इनिंग समेट दी.
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