RANCHI: रिम्स का इंट्री गेट यानी इमरजेंसी के ठीक सामने मंगलवार से एक लाश पड़ी थी। हॉस्पिटल में आने वाले मरीजों से लेकर गा‌र्ड्स और आसपास के लोग भी इस दुर्गध से परेशान दिखे। इससे बचने के लिए लोगों ने मास्क और कपड़े से अपना मुंह ढंक रखा था। लाश हटाने के लिए लोगों ने रिम्स प्रबंधन से शिकायत भी की, लेकिन किसी ने नहीं सुनी। गुरुवार को जब लाश की दुर्गध असहनीय हो गई तो लोगों ने हंगामा किया। इसके बाद आनन-फानन में लाश को मॉच्र्युअरी में पहुंचाया गया।

बर्न वार्ड में चार लाशें

रिम्स के बर्न वार्ड की स्थिति यह है कि ख्ब् घंटे तक लाशें पड़ी रहती हैं और बगल के दूसरे बेड पर मरीजों का इलाज किया जाता है। इस दौरान मरीज और मरीज के परिजन लाश को देखकर डरे सहमे भी रहते हैं और इंफेक्शन का भी डर बना रहता है। बर्न वार्ड में कोडरम की संजना कुमारी, झरिया की रहने वाली सुमित्रा देवी, हेहल के सुकेश उरांव और बोकारो की अफसाना खातून की लाशें पड़ी थीं।

स्टाफ्स भी लापरवाह

वार्ड में ख्ब् घंटे स्टाफ्स ड्यूटी में मौजूद रहते हैं। इसके बावजूद किसी ने लाश को हटाने की पहल नहीं की। ऐसे में इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि रिम्स में मरीजों के जीवन का कोई मोल नहीं है। पास में लाश के पड़े होने से अन्य पेशेंट्स को इंफेक्शन होने का खतरा होता है। इसके बावजूद भी वार्ड में लाशें पड़ी रहीं।

क्या कहते हैं परिजन

कल दोपहर ही बगल के बेड पर ही मरीज की मौत हो गई थी, लेकिन इसे नहीं हटाया गया। ऐसे में ही मरीज का इलाज किया जा रहा था, जो चिंता का विषय है। बगल में लाश पड़े होने से हमें भी भय लग रहा था।

उपेंद्र सिंह

हॉस्पिटल की समस्या बताने पर स्टाफ्स हमें ही डांटते हैं। हमलोगों ने जब लाश हटाने को कहा तो हमें ही डांट दिया और कहा कि तुमलोगों को ही ज्यादा समस्या है तो कहीं और जा सकते हो।

मीना देवी

यहां पर कुछ भी ठीक नहीं है। हमलोग तो नर्सो की मनमानी से भी परेशान हैं। ऊपर से वार्ड में लाश के पड़े होने से जो टेंशन हो रही है वो अलग। लाश को तुरंत हटाने की व्यवस्था होनी चाहिए।

नंद किशोर साहू