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BAREILLY: बीते एक साल से 27 सौ स्वर्गवासी वृद्धावस्था पेंशन का लाभ ले रहे थे और समाज कल्याण विभाग को इसकी भनक तक नहीं लगी। मामले का खुलासा होने के बाद अधिकारियों के होश उड़ गए। विभागीय कर्मचारी मामले को दबाने में जुटे थे, लेकिन नवागत समाज कल्याण अधिकारी ने फिलहाल पेंशन जारी होने पर रोक लगाते हुए मामले से शासन को अवगत करा दिया है। शासन ने जांच के आदेश दे दिए हैं। सूत्रों के मुताबिक विभाग के बाबुओं पर गाज गिरने की संभावना है।

 

सत्यापन हुआ तो खुली पोल

वित्तीय वर्ष 2016-17 में जारी हो रही पेंशन की जांच करीब साल भर से अटकी हुई थी। विभाग में शिकायतें पहुंच रही थीं, लेकिन इस पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा था। तत्कालीन समाज कल्याण अधिकारी का ट्रांसफर होने की वजह से सत्यापन नहीं हो रहा था। न ही पटल बाबू ही मौजूद था। अप्रैल 2017 में सीएम योगी ने सभी पेंशन योजनाओं की जांच के आदेश दिए थे। जुलाई में नवागत अधिकारी ने सत्यापन शुरू कराया तो नवंबर में करीब 27 सौ मृतकों को पेंशन जारी होने का मामला खुला। इसके अलावा 250 अपात्रों को पेंशन दिए जाने की तैयारी विभाग कर रहा था। जिसका पता चला।

 

करीब डेढ़ करोड़ रुपए पेंशन जारी

विभाग के विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक साल भर से जारी हो रही पेंशन के आधार पर करीब 1 करोड़ 29 लाख 60 हजार रुपए 27 सौ खातों में भेजे जा चुके थे। प्रत्येक तीन माह की नियमित सत्यापन होने का शासनादेश फॉलो नहीं किया गया। जिसकी वजह से इतनी बड़ी तादाद में मृतकों को पेंशन जारी हुई हैं। यह लापरवाही है या गोलमाल या फर्जीवाड़ा अब इसकी जांच शुरू हो गई है। सत्यापन में मृतकों की संख्या का आंकलन हो गया, लेकिन जारी पेंशन में कई मृतक बुजुर्गो के खाते से पेंशन निकाले जाने की संभावना जताई जा रही है। ऐसे में संबंधित बैंकों से खातों में जारी रकम को वापस करने और निकाली गई रकम की जानकारी मांगी है।

 

एक नजर में

- 2016-17 में जारी हुई पेंशन

- 2017 अक्टूबर में खुलासा

- 2700 मृतकों को दे रहे थे पेंशन

- 250 अपात्रों को देने की तैयारी

- 5 सौ आवेदन में त्रुटि, निरस्त

- 400 रुपए प्रतिमाह देते हैं पेंशन

- 4 क्रमिक किश्त जारी होती है

- 4800 रूपए सलाना होते हैं जारी

 

सत्यापन के दौरान मामले का खुलासा होने मृतकों का नाम काटकर पेंशन रोक दी है। नए आवेदन में कई अपात्र और कई आवेदनों में त्रुटियां थीं जिन्हें निरस्त कर दिया है। मामले की जांच के आदेश शासन से मिले हैं।

अशोक दीक्षित, जिला समाज कल्याण अधिकारी