सरकारी स्कूलों में आधी-अधूरे कोर्स के साथ हो रही पढ़ाई

बच्चों के खाली बस्ते कर रहे कई किताबों का इंतजार

Meerut। शासन के तमाम दावों के बावजूद सरकारी स्कूलों की स्थिति सुधर नहीं रही है। नए सत्र के पांच महीने बीतने के बाद भी ज्यादातर बच्चों के बस्ते खाली हैं। डेडलाइन पूरी होने के बाद भी विभाग आधा -अधूरा कोर्स ही मुहैया करा पाया है। स्थिति यह है कि कहीं बच्चों के पास हिंदी की किताबें नहीं हैं तो कहीं गणित की किताबें ही नहीं पहुंची हैं। विभाग लाख दावे करें लेकिन स्कूलों में अभी भी बच्चों को कई किताबों का इंतजार है।

यह है स्थिति

बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से मुहैया कराई गई किताबें ब्लॉक स्तर पर पहुंचने के बाद भी अभी कई स्कूलों की राह तक रही हैं, जबकि जिन स्कूलों में किताबें पहुंच गई हैं, वहां भी प्रत्येक बच्चे तक किताबें नहीं पहुंच पाई है। स्थिति यह है कि सभी कक्षाओं के लिए आने वाली 52 विषयों की किताबों में अभी भी 5 विषयों की किताबें आनी शेष हैं। कई कक्षाओं में बच्चों को महत्वपूर्ण विषयों की किताबें ही नहीं मिल पाई हैं। क्लास 6 के बच्चों को अभी भी विज्ञान की किताबों का इंतजार हैं। वहीं कई क्लासेज के लिए मैथ्स की किताबें भी नहीं मिल पाई हैं। ऐसे में बच्चे को अभी भी पुरानी किताबों से ही पढ़ाई करनी पड़ रही है।

47 टाइटल की किताबें पहुंची

5 टाइटल रह गए शेष

1,79,893 बच्चों को किताबों की जरूरत

910 प्राइमरी स्कूल

432 अपर प्राइमरी स्कूल

55 एडिड स्कूल

250 स्कूल माध्यमिक बोर्ड परिषद के

1 से 8 तक क्लास के बच्चों को बेसिक शिक्षा विभाग प्रोवाइड कराता है बुक्स

150 रूपये के हिसाब से 1 से 5वीं के प्रत्येक बच्चों के लिए आती हैं बुक्स

250 रुपये के हिसाब से 6 से 8वीं तक के प्रत्येक बच्चों के लिए आती हैं बुक्स

लगभग सभी स्कूलों में किताबें पहुंच चुकी है। कुछ ही टाइटल शेष रह गए हैं। जैसे ही किताबें पहुंचेंगी इनका वितरण भी कर दिया जाएगा।

सूर्यकांत गिरी, एबीएसए, मेरठ

कुछ विषयों की किताबें शेष रह गई हैं। उनकी जल्द से जल्द पूर्ति के लिए विभाग को कहा जा रहा है।

सविता शर्मा, टीचर

सभी किताबें नहीं आई हैं। कुछ किताबें हाल ही में प्राप्त हुई हैं। जैसे-जैसे किताबें मिल रही हैं हम बच्चों को बांटते जा रहे हैं।

सुधीर मलिक, शिक्षामित्र