-ब्रम्हपुत्र मेल से दिल्ली जा रहा था परिवार, लेटलतीफी से खराब हुई मासूम की तबियत

-लापरवाही की जांच कर रहा रेलवे, वापस लौट गए परिजन

ALLAHABAD: रेलवे की लेटलतीफी यात्रियों की जान की दुश्मन बनती जा रही है। शुक्रवार को ट्रेन लेट हो जाने से भीषण गर्मी में एक मासूम की मौत हो गई। मामला डिब्रूगढ़ से दिल्ली जाने वाली ब्रम्हपुत्र मेल का है। इसमें सवार मासूम की तबीयत खराब होती जा रही थी। ट्रेन लेट होने और समय से इलाज नहीं मिलने से उसकी जान चली गई। मामले से नाराज परिजनों और अन्य यात्रियों ने जंक्शन पर हंगामा काटा। उधर रेलवे ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच की बात कही है।

नौ घंटे लेट पहुंची थी मुगलसराय स्टेशन

जानकारी के मुताबिक मुगलसराय के शाहकुटी हनुमानपुर निवासी इकबाल शेख ने गर्मी की छुट्टी होने पर अपनी पत्नी शबाना बानू और चार बच्चियों को दिल्ली बुलाया था। यह परिवार गरीब रथ निरस्त होने पर 24 मई को ब्रम्हपुत्र मेल से दिल्ली के लिए रवाना हुआ। यह ट्रेन मुगलसराय स्टेशन पर नौ घंटे लेट पहुंची थी। बता दें कि इसे गुरुवार शाम 4.34 बजे पहुंचना था लेकिन ट्रेन रात 1.32 बजे स्टेशन पहुंची। शबाना बानू बच्चियों को लेकर स्लीपर कोच एस-8 में सफर कर रही थी। ट्रेन में भीषण गर्मी होने के कारण सबसे छोटी बच्ची तैमूरनिशा की तबीयत खराब होने लगी।

मौत का सबब बन गए पांच घंटे

बच्ची की तबियत खराब होने पर इसकी जानकारी कोच में बैठे अन्य रिश्तेदारों ने टीटीई को दी। टीटीई ने सूचना कंट्रोल रूम को ट्रांसफर की। ट्रेन रात 3.27 बजे मिर्जापुर स्टेशन पहुंच गई थी, लेकिन इसे यहां से इलाहाबाद जंक्शन आने में पांच घंटे लग गए। बताया गया कि ट्रेन आउटर पर काफी देर खड़ी रही। इस बीच बच्ची की तबियत अधिक बिगड़ गई और समय पर इलाज नहीं मिलने से वह बेसुध हो गई। गाड़ी सुबह 8.31 बजे इलाहाबाद जंक्शन पहुंची तो रेलवे स्टाफ ने बच्ची को देखकर उसे काल्विन हॉस्पिटल रेफर कर दिया। हॉस्पिटल में डॉक्टरों ने तैमूर निशा को मृत घोषित किया तो परिजनों में रोना-पीटना मच गया। निराश परिजन वापस मुगलसराय लौट गए।

एसी बंद होने पर काटा हंगामा

ब्रम्हपुत्र मेल में वातानुकूलित तृतीय श्रेणी के बी-1 कोच में एसी खराब होने पर भी यात्रियों ने जंक्शन पर हंगामा काटा। एसी दुरुस्त होने पर गाड़ी 9.50 बजे जंक्शन से रवाना हुई। रेलवे के अधिकारियों ने गर्मी से बच्ची की मौत के मामले को गंभीरता से लिया है। लापरवाही की जांच की जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

रेलवे के डॉक्टर ने तत्काल बच्ची को काल्विन रेफर किया था। बच्ची नॉन एसी कोच में सफर कर रही थी इसलिए एसी फेल होने जैसा कोई इश्यू नहीं बनता है। ट्रेन को आउटर में जबरन खड़ा नहीं किया गया था, तेज तूफान आने की वजह से थोड़ी दिक्कत जरूर हुई थी।

-जीके बंसल

सीपीआरओ, रेलवे