सिटी में एक समान रेट की उठी मांग, उपभोक्ता बोले गाइडलाइन का सख्ती से होना चाहिये अनुपालन

ALLAHABAD: केबल टीवी देखना अब होगा आसान, सेट टॉप बाक्स लगवा लें, वरना आपका टीवी डब्बा हो जायेगा। कुछ समय पहले तक टीवी पर लगातार आने वाले इस प्रकार के प्रचार ने लोगों को ऐसा भयभीत किया कि आज शायद ही कोई ऐसा घर हो, जहां डिफरेंट चैनल्स देखने के लिए सेट टॉप बाक्स न लगा हो। लेकिन इसके साथ ही एक बात और देखने को मिल रही है कि केबल ऑपरेटर्स के नियंत्रण से बाहर कंपनियां समय-समय पर मनमानी करती रही हैं। इसी क्रम में डिश टीवी देखने के लिए किराया बढ़ोत्तरी की खबर ने लोगों के बीच हलचल पैदा कर दी है।

केबल टीवी देखना आसान

'भावी किराया बढ़ोत्तरी कितनी प्रासंगिक' विषय पर आई नेक्स्ट ऑफिस में परिचर्चा का आयोजन किया गया। इसमें कन्जयूमर्स और केबल ऑपरेटर के बीच डिस्कशन हुआ तो कई बातें खुलकर सामने आई। डिबेट का टॉपिक दूरसंचार विवाद एवं अपील अधिकरण (टीडी सैट) के उस डायरेक्शन के आलोक में रखा गया, जिसमें मुकदमे की सुनवाई करते हुए कहा गया है कि अब केबल आपरेटर्स को मल्टी सिस्टम आपरेटर्स को (एमएसओ) प्रति सेट टॉप बाक्स की दर से 125 रुपये भुगतान करना होगा।

हर ग्राहक की जेब इम्पार्टेट

जाहिर है इसकी मार सीधे केबल टीवी देखने वाले उपभोक्ताओं पर पड़ेगी। सिटी में अभी तक प्रत्येक उपभोक्ता से 125 से 150 रुपये की दर से प्रति माह केबल आपरेटर्स किराया वसूलते थे। एमएसओ को बढ़ी दर से भुगतान के बाद ग्राहकों को भी 200 से 250 रुपये तक प्रति माह भुगतान करना पड़ेगा। अव्वल तो परिचर्चा में आम लोगों ने ग्राहकों से बढ़ी दर से संभावित वसूली को ही गलत बताया। उन्होंने कहा कि यह तय होना चाहिये कि एमएसओ को भुगतान के बाद प्रत्येक ग्राहक से कितना रुपया वसूल किया जाये।

हर प्रॉब्लम का सॉल्यूशन जरूरी

चर्चा में शामिल लोगों ने इस बात पर नाराजगी जताई कि अलग-अलग एरिया में रेट अलग-अलग है। एक समान नियम बनना चाहिये। अचानक केबल बंद होने की समस्या का भी निदान होना चाहिये। कंपनी की ओर से फाल्ट होने पर आपरेटर हाथ खड़ा कर देते हैं। कुछ दिनो पहले एक कंपनी की ओर से प्रसारण बंद किये जाने पर ऐसी समस्या व्यापक स्तर पर दिखी थी। केबल आपरेटर का कहना था कि उनकी ओर से प्रत्येक समस्या संबंधित कंपनी और मनोरंजन विभाग तक पहुंचायी जाती है। कभी इसपर स्ट्रांग डिसीजन नहीं लिया गया, जिससे अब दिक्कत बढ़ रही है।

कंपनी, केबल आपरेटर और कन्ज्यूमर्स के बीच समन्वय होना चाहिये। प्राईवेट सर्विस प्रोवाइडर शायद एकमात्र ऐसी सेवा है, जिससे प्रॉब्लम होने पर कोई सुनने वाला नहीं है।

महेन्द्र गोयल, व्यापारी

पूरी सिटी में कन्ज्यूमर्स के लिए एक रेट होना चाहिये। केबल आपरेटर मनमाना रेट तय कर वसूली करते हैं। इसपर रोक लगनी चाहिये।

शरद सिंघल, कन्ज्यूमर

मेरी राय में पैसा नहीं बढ़ना चाहिये। सवाल यह है कि कंपनी जो पैसा बढ़ा रही है। उसके बदले क्या सेवा ग्राहक को देने जा रही है।

विभू अग्रवाल, कन्ज्यूमर

कहा गया था कि केबल टीवी देखना आसान होगा। कई चैनल ऐसे हैं, जिनमें समस्यायें बराबर रहती हैं। इसका साल्यूशन तो होना ही चाहिये।

अखिलेश, छात्र

कहीं न कहीं ग्राहक भी दोषी हैं। सौ, डेढ़ सौ और दो सौ रुपये शायद उन्हें अभी बड़ी समस्या नहीं लग रही। यह समस्या आगे चलकर और बढ़ेगी। जब तक लोग आवाज बुलंद नहीं करेंगे। कुछ नहीं होगा।

सुरेश कुमार गुप्ता, छात्र

कन्ज्यूमर्स की हर शिकायत जायज है। लेकिन करेंट में केबल आपरेटर के हाथ में बहुत कुछ नहीं रह गया है। हमारी ओर से सभी बातें उठायी जाती हैं। लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती।

विकास माथुर, केबल आपरेटर, कमलानगर