- रक्षा मंत्री ने एनडीए से मिसफिट करार दिए कैडेट अभय से की मुलाकात

- कहा, अभय के लिए जो भी हो सकेगा करेंगे

Meerut : 36वीं सीनियर नेशनल आर्चरी चैंपियनशिप का उद्घाटन करने के बाद डिफेंस मिनिस्टर मनोहर पर्रिकर 19 वर्ष के अभय सिसौदिया से मिलने उसके घर पहुंचे और वादा किया कि वह उनके केस को गंभीरता से देखते हुए बेहतर से बेहतर कदम उठाएंगे। अभय सिसौदिया एनडीए का कैडेट था। वर्ष 2014 में ट्रेनिंग के दौरान वह घोड़े से गिर गया था, जिससे उसे गंभीर चोटें आई थी। ठीक होने के बाद जब एनडीए पहुंचा तो अधिकारियों ने उसे इंडियन आर्मी में मिसफिट करार देते हुए ट्रेनिंग देने से इनकार कर दिया।

जिंदा बचने के थे कम चांस

अभय सिसौदिया ने बताया कि हॉर्स राइडिंग के दौरान घोड़े की किक से गिर गया था, जिससे मुझे काफी चोटें आई थी। एक्सीडेंट के बाद मुझे तुरंत पुणे कमांड हॉस्पिटल में ले जाया गया। मैं पूरी तरह से बेहोश था। स्क्वार्डन कमांडर ने मेरे पेरेंट्स को इस एक्सीडेंट की जानकारी दी। मेरे पेरेंट्स को डॉक्टर्स ने बताया कि अभय के सिर्फ बचने के 2-3 फीसदी हैं। मैं कोमा में था और जिंदगी और मौत से लड़ रहा था। 2 फरवरी को डॉक्टर्स ने कहा कि मैं पूरी तरह से ठीक हूं। मैं 13 दिनों के लिए आईसीयू में था। आईसीयू से बाहर आने के बाद मैं अपनी पूरी मेमोरी खो चुका था। मुझे तो यहां तक याद नहीं रहा कि मेरे पेरेंट्स कौन है और मैं कौन हूं। मेरे साथ कैसे और कब हुआ? मुझे ब्रेन इंजरी हुई थी। उसके बाद मुझे आंख में चोट लगी, जिसके कारण मैं अपनी सीधी आंख से नहीं देख पाता हूं।

घिसेपिटे सिस्टम से हैं सभी त्रस्त

एनडीए में जिस तरह से घिसापिटा सिस्टम अपनाया जा रहा है वो नए कैडेट्स के लिए काफी खतरनाक साबित हो रहा हो। अभय कहता है कि नए कैडेट्स के साथ राइडिंग के दौरान ट्रेनर और लाइफ गार्ड इक्विपमेंट होने काफी जरूरी हैं। अगर मेरे साथ इंसट्रक्टर होता तो मेरे साथ वैसा न होता जो हुआ। मेरे साथ जो हुआ वो किसी ने नहीं देखा। इंसाफ के नाम पर मुझे इंश्योरेंस मनी और एक्स ग्रेशिया अवार्ड के अलावा कुछ भी नहीं दिया गया।

मिले एक्स सर्विसमैन का स्टेटस

अभय ने कहा कि अब सिर्फ एक चीज चाहता हूं कि मुझे एक्स सर्विसमेन का स्टेटस दिया जाए। वहीं दूसरी ओर बुधवार को डिफेंस मिनिस्टर मनोहर पर्रिकर ने अभय के पेरेंट्स को डिफेंस मिनिस्ट्री में जॉब ऑफर की है। साथ ही आगे की कार्रवाई के लिए लोकल एमपी राजेंद्र अग्रवाल को बताने को कहा है। वहीं उन्होंने ये भी विश्वास दिलाया है कि वह अभय के केस को ठीक से देखेंगे और जो बेहतर से बेहतर हो सकेगा करेंगे।