- रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने हरसंभव सहयोग का दिया आश्वासन

- यूपी में डिफेंस इनोवेशन हब की स्थापना करने की तैयारी में सरकार

LUCKNOW:

जिस बुंदेलखंड को लेकर सूबे की सियासी गरमाहट अक्सर तेज होती रही है, जो सियासी दलों के बीच तनातनी की वजह बनता रहा है, उसकी सूरत बदलने की केंद्र और राज्य सरकार ने ठान ली है। बुंदेलखंड में बनने वाले डिफेंस कॉरीडोर का भले ही अभी नींव का पत्थर न पड़ा हो, देश के नामी गिरामी उद्योगपति वहां पर डिफेंस से जुडे प्रोडक्ट बनाने को बेताब हैं। यही वजह है कि केंद्र सरकार को अब तक डिफेंस कॉरीडोर में निवेश के 21 प्रस्ताव मिल चुके हैं, इनमें कानपुर में भी आ‌र्म्स फैक्ट्री लगाने का प्रस्ताव भी शामिल है। राज्य सरकार इस कॉरीडोर में डिफेंस इनोवेशन हब स्थापित करने जा रही है। इससे इस सूबे में महज 20 हजार करोड़ की लागत से एक लाख करोड़ का निवेश आने की उम्मीद है तो ढाई लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलने का सरकार का दावा है।

बनेगा यूपी के विकास का ग्रोथ इंजन

बुंदेलखंड में प्रस्तावित डिफेंस कॉरिडोर आगामी दस साल में यूपी के विकास का ग्रोथ इंजन बनने वाला है। इंवेस्टर्स समिट के दूसरे दिन डिफेंस एंड एयरोस्पेस सेक्टर पर आयोजित सेशन में रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि केंद्रीय बजट में देश में दो डिफेंस कॉरीडोर बनने की घोषणा के बाद दिल्ली आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इनमें से एक कॉरीडोर यूपी में बनाने का अनुरोध किया था। जब मैंने प्रधानमंत्री को इस बारे में बताया तो उन्होंने तत्काल इस पर आगे काम करने को कहा। इसके बाद रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों और यूपी के अधिकारियों ने महज 18 दिन में इसका प्रस्ताव तैयार कर लिया। आजकल के माहौल में ब्यूरोक्रेसी के इस कदम के लिए मैं उन्हें बधाई देती हूं। हम यूपी में 13 पब्लिक सेक्टर के डिफेंस उद्योगों को प्राइवेट सेक्टर से जोड़ना चाहते हैं। हम अपने संसाधनों का इस्तेमाल न करके पूरी दुनिया से डिफेंस प्रोडक्ट खरीद रहे हैं। अब हम इसे खुद बनाकर अपने मित्र देशों को बेच सकते हैं। इसको अमली जामा पहनाने को हर जगह हमारी टीम जाएगी। ऐसे अफसरों को इसमें जोड़ा जाएगा जो सरहद पर इन प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करते हैं। हमें अगले पचास साल की प्लानिंग करनी होगी कि क्या-क्या बनाना है। उद्यमी भी इस बारे मे सुझाव दे सकते हैं। हम इस प्लान को सफल बनाने में पूरी ताकत लगा देंगे।

क्या-क्या बनेगा डिफेंस कॉरीडोर में

तोपखाने, सैन्य उपकरण, ड्रोन का विर्निमाण, वायुयान और हेलीकॉप्टर एसेंबलिंग सेंटर, डिफेंस पार्क, बुलेटप्रूफ जैकेट, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस को बढ़ावा देने के उपकरण, ऑर्डिनेंस फैक्ट्री, डिफेंस इनोवेशन हब।

सेशन में हुई यह चर्चा

- कॉरिडोर में जल्द कंपनियां आने को केंद्र सरकार ने डिफेंस इंवेस्टर सेल बनाया है।

- इस कॉरिडोर टीयर-1 यानि बड़ी कंपनियों के साथ उनके एमएसएमई सेक्टर की कंपनियों के लिए कलस्टर बनाए जाएंगे।

- इस कॉरिडोर का इंफ्रास्ट्रक्चर रक्षा मंत्रालय डेवलप करेगा। यहां बनने वाले

उपकरणों की गुणवत्ता जांचने के लिए कॉमन टेस्टिंग सेंटर रक्षा मंत्रालय

की तरफ से बनाया जाएगा।

आखिर यूपी ही क्यों

- करीब नौ हजार किमी का रेलवे का नेटवर्क

- डिफेंस के उत्पाद बनाने को पर्याप्त भूमि और पानी

- ईस्टर्न और वेस्टर्न फ्रेट कॉरीडोर की सुविधा

- 24 घंटों में बंदरगाहों तक पहुंचाया जा सकेगा माल

- सस्ती और बहुतायत में मैनपावर की उपलब्धता

- यूपी में कई नामचीन शिक्षण संस्थानों का फायदा