- प्रसूति विभाग के वार्डो में लगेंगे सीसीटीवी कैमरे

- सीसीटीवी के लिए एचओडी से मांगी गयी डिटेल

- कड़ी निगरानी में रहेगा महिला अस्पताल

DEHRADUN: राजकीय देहरादून मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के प्रसूति विभाग का चप्पा-चप्पा तीसरी आंख की निगरानी में होगा। इसको लेकर मेडिकल कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन मशक्कत करने में जुट गया है। चिकित्सा अधीक्षक ने प्रसूति विभाग की एचओडी से सुरक्षा संबधी मसले पर विस्तार करते हुए डीटेल तलब कर ली है।

अधीक्षक ने ली जानकारी

राजकीय दून मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ। केके टम्टा ने मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के प्रसूति विभाग की सुरक्षा संबंधी मामले की जानकारी ली। इसको लेकर विभाग की एचओडी एसोसिएट प्रोफेसर चित्रा जोशी के साथ मीटिंग की। चिकित्सा अधीक्षक डॉ। केके टम्टा ने पूछा कि परिसर में अभी कितने सीसीटीवी लगे हैं और किन-किन स्थानों पर सीसीटीवी नहीं हैं। उन्होंने निर्देश दिए कि जिन-जिन जगहों पर सीसीटीवी नहीं लगे हैं उसकी पूरी डीटेल तैयार की जाए, जिससे अन्य स्थानों पर भी सीसीटीवी लगवाए जा सकें।

जहां होने चाहिए, वहीं नहीं हैं सीसीटीवी

चिकित्सा अधीक्षक डॉ। केके टम्टा को जानकारी दी गयी कि प्रसूति विभाग के एंट्रेस और आसपास करीब भ्-7 सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। लेकिन, वार्ड एरिया में निगरानी के लिए कोई भी कैमरा नहीं लगा हुआ है, जबकि वार्ड के अंदर सीसीटीवी से निगरानी की बहुत जरूरत है। ऐसा इसलिए क्योंकि दून के अंदर पूर्व में बच्चा चोरी की घटना भी हो चुकी है। इसी के मद्देनजर डॉ। केके टम्टा ने एसोसिएट प्रोफेसर चित्रा जोशी से कहा कि सभी जगह सीसीटीवी लगवाए जाएं।

पूर्व में हो चुकी बच्चा चोरी की घटना

बच्चा चोरी की घटना कोई नई बात नहीं है। उत्तराखंड की राजधानी भी इससे अछूती नहीं रही है। सितम्बर से लेकर नवम्बर ख्0क्भ् के बीच बच्चा चुराने की दो घटनाएं हो चुकी हैं। पहली घटना प्रेम नगर स्थित अस्पताल से हुई थी, जबकि वर्ष ख्0क्भ् की सर्दियों के दिनों में ही दूसरी घटना दून हॉस्पिटल के अंदर से हुई।

प्रसूति विभाग पर एक नजर

- ओपीडी में पहुंचते हैं करीब फ्00 मरीज

- प्रसूति मामले औसतन करीब ख्0-फ्0

- बेड की संख्या 90

- गायनिक के लिए बेड भ्

- आईसीयू में बेड भ्

- वार्ड भ्

वर्जन

सुरक्षा के लिहाज से महिला विभाग के अंदर सीसीटीवी लगवाए जाने हैं। इस बारे में विभाग की एचओडी से बात की गयी है। डीटेल मंगवाई जा रही है ताकि जहां-जहां जरूरत है, वहां सीसीटीवी लगवाए जा सकेंगे।

डॉ। केके टम्टा, चिकित्सा अधीक्षक