दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आज करीब तीन बजे दोपहर को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात कर अपनी बात उनके समक्ष रखेंगे.  दिल्ली सरकार का आरोप है कि उप राज्यपाल नजीब जंग द्वारा नियुक्त शकुंतला गैमलीन के बिजली वितरण कंपनी बीएसइएस के साथ करीबी संबंध है. ये भी पता चला है कि दिल्ली सरकार ने इस बारे में राजीव धवन और इंदिरा जयसिंह समेत तीन वरिष्ठ वकीलों से कानूनी सलाह भी ली है. राजीव धवन को बताया है कि इस मामले में उपराज्यपाल की गलती प्रमाणित हो सकती है कि उन्होंने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर आकर काम किया.

दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बीच अधिकारों के बंटवारे की लड़ाई नियम-कानून के अलावा तमाम मर्यादाओं के दायरे को भी पार कर गई. केजरीवाल ने संवैधानिक व्यवस्था के उलट सोमवार को मुख्य सचिव सहित तमाम आला अधिकारियों व विभागाध्यक्षों को निर्देश जारी कर दिया कि वे उपराज्यपाल द्वारा जारी लिखित या मौखिक आदेश पर अपने स्तर पर अमल नहीं करें. इससे पहले सरकार ने प्रधान सचिव (सेवा) अनिंदो मजूमदार के दफ्तर पर ताला जड़ दिया. आहत मजूमदार स्टाफ कार्यालय में थोड़ी देर बैठे, फिर घर चले गए. इसकी सूचना मिलने पर उपराज्यपाल कार्यालय ने कड़े तेवर अपनाते हुए सरकार की ओर से प्रधान सचिव (सेवा) के पद पर लाए गए राजेंद्र कुमार की नियुक्ति खारिज कर दी.

 

सूत्रों का कहना है कि उपराज्यपाल के आदेश को न मानते हुए दिल्ली सरकार ने अनिंदो मजूमदार को कोई चार्ज नहीं दिया है. उन्हें वेटिंग में डाल दिया गया है. ज्ञात हो कि कार्यवाहक मुख्य सचिव के रूप में शकुंतला गैमलीन की नियुक्ति को लेकर पिछले 13 मई से विवाद चल रहा है. इस मामले में 16 मई को दिल्ली सरकार ने प्रधान सचिव पद से अनिंदो मजूमदार को मुक्त कर दिया था और मुख्यमंत्री के सचिव राजेंद्र कुमार को अतिरिक्त प्रभार के रूप में चार्ज दे दिया था. वहीं 16 मई को ही उपराज्यपाल ने मुख्यमंत्री के आदेश को अवैध करार देते हुए निरस्त कर दिया था और मजूमदार को पद मुक्त किए जाने के आदेश को निरस्त कर उनको बहाल कर दिया था.

गृह सचिव को दी जानकारी

अपनी नियुक्ति को लेकर मचे राजनीतिक घमासान के बीच शकुंतला गैमलीन ने केंद्रीय गृह सचिव एलसी गोयल से मुलाकात की. लगभग आधा घंटे तक चली इस मुलाकात में दिल्ली पुलिस कमिश्नर बीएस बस्सी और गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव (यूटी) राकेश कुमार सिंह भी मौजूद थे. इस मामले में केंद्रीय कार्मिक राज्यमंत्री जीतेंद्र सिंह ने वरिष्ठ नौकरशाहों के साथ गरिमापूर्ण व्यवहार की जरूरत पर बल दिया.

सिसोदिया भी खफा  

प्रधान सचिव के पद से राजेंद्र कुमार की नियुक्ति खारिज किए जाने वाला पत्र मीडिया में आने पर नाराजगी जाहिर करते हुए उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि यह विचित्र बात है. एक संवैधानिक पदाधिकारी उप मुख्यमंत्री को लिखा पत्र उसे मिलने से पहले ही लीक कर रहा है. क्या भारतीय संविधान में इसकी अनुमति है?

वहीं केंद्र सरकार के उद्योग सचिव अमिताभ कांत ने ट्वीट कर प्रमुख सचिव अनिंदो मजूमदार के आफिस सील करने को नौकरशाही का मनोबल तोडऩे वाला कदम बताया. उन्होंने भगवान का शुक्रिया अदा किया कि वे फिलहाल दिल्ली सरकार में नियुक्त नहीं हैं. कहा, अधिकारियों के हालात की कल्पना की जा सकती है.

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