भाजपा नेता मीनाक्षी लेखी ने अपने ट्वीट में केजरीवाल पर कटाक्ष करते हुए कहा, "एके (अरविंद केजरीवाल) हम काम नहीं करने के लिए कुछ भी करेंगे !"

राजद नेता लालू प्रसाद ने अपने ट्वीट में कहा, "केजरीवाल जानते हैं कि वो अपने वादे पूरे नहीं कर सकते इसलिए अपनी ज़िम्मेदारियों से भाग रहे हैं."

लालू ने अपने चुटीले अंदाज़ में बाद में ट्वीट किया, "इ इस्तीफ़ा देने का कोई जनमत संग्रह,SMS,ई-मेल संग्रह हुआ था कि नहीं??"

कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने ट्वीट करके कहा, "जब आम आदमी पार्टी राजनीति में आई तो हमने इसका स्वागत किया, हमें लगा कि वो लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भाग लेना सीख सकेंगे. लेकिन अराजकतावादी ऐसा करने में विफल रहे !"

कार्टूनिस्ट सुधीर तैलंग ने केजरीवाल के इस्तीफ़े की घोषणा के बाद ट्वीट करके कहा, "मैंने कभी उम्मीद नहीं की थी कि केजरीवाल 10 बजे से 5 बजे तक बैठकर फाइलों पर दस्तख़त करेंगे! वो एक राजनेता हैं और उनका भी एक गेमप्लान होगा. इसके लिए कोई उन पर इसका दोष नहीं दे सकता."

कोई समझौता नहीं

इस्तीफा देने का जनमत संग्रह हुआ था?: लालूशुक्रवार को विधानसभा में भाजपा नेता डॉक्टर हर्षवर्धन ने आम आदमी पार्टी पर जमकर निशाना साधा.

वहीं इस्तीफ़े की घोषणा के बाद आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया ने अपने ट्वीट में कहा, "लोग पूछ रहे हैं- क्या करोगे? एक ही संकल्प- जनलोकपाल पर कोई समझौता नहीं."

सामाजिक कार्यकर्ता मधु किश्वर ने अपने ट्वीट में केजरीवाल के बारे में कहा, "केजरीवाल के कई अपराधों में से एक है उनका बहुत बोरिंग होना. उनका उन्हीं 20 वाक्यों को बार-बार दोहराना. उनके भाषणों में कोई गहराई नहीं."

समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार केजरीवाल के इस्तीफ़े पर भाजपा नेता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार अराजकता का एक उदारहण थी. त्रिवेदी के अनुसार केजरीवाल ने अपनी असफलता छिपाने के लिए इस्तीफ़ा दिया है.

केजरीवाल के इस्तीफ़े से कुछ देर पहले ही भाजपा नेता शाहनवाज़ हुसैन ने अपने ट्वीट में कहा था, "अब यह साफ़ हो गया है कि केजरीवाल और उनकी पार्टी को प्रशासन के बारे में कुछ नहीं पता है. वो दिल्ली कि जनता की किसी भी समस्या का हल खोजने में विफल रहे हैं."

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