नई दिल्ली (पीटीआई)। उन्नाव दुष्कर्म मामले में सोमवार को दिल्ली की एक अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने के तुरंत बाद निष्कासित भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर कोर्टरूम में रोने लगा। वह अपनी बहन के पास रोता हुआ देखा गया। अदालत ने मुख्य आरोपी सेंगर को भारतीय दंड संहिता और पोक्सो अधिनियम के तहत दोषी करार दिया है। जिला न्यायाधीश धर्मेश शर्मा ने हालांकि सभी आरोपों के सह-अभियुक्त शशि सिंह को इस मामले से बरी कर दिया। अदालत बुधवार को सजा को लेकर पर बहस करेगी। बता दें कि पोक्सो के तहत अपराधों में आजीवन कारावास की अधिकतम सजा होती है।

9 अगस्त को तय किए गए थे आरोप

बता दें कि महिला को कथित रूप से 2017 में सेंगर द्वारा अपहरण और दुष्कर्म किया गया था, तब वह नाबालिग थी। यूपी के बांगरमऊ से चार बार के भाजपा विधायक सेंगर को अगस्त 2019 में भाजपा से निष्कासित कर दिया गया था। अदालत ने 9 अगस्त को विधायक और सिंह के खिलाफ धारा 120बी (आपराधिक साजिश), 363 (अपहरण), 366 (शादी के लिए मजबूर करने के लिए एक महिला का अपहरण या उत्पीड़न), 376 (दुष्कर्म और अन्य संबंधित धाराओं), यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम के तहत आरोप तय किए थे।

Delhi court verdict in Unnao case: अपहरण और दुष्कर्म के मामले में कुलदीप सेंगर दोषी करार

कोर्ट में हर दिन होती थी सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर लखनऊ की एक अदालत से दिल्ली केस ट्रांसफर होने के बाद जज ने इस मामले की सुनवाई 5 अगस्त से दिन-प्रतिदिन के आधार पर की। इस साल 28 जुलाई को, पीड़िता की कार एक ट्रक से टकरा गई थी और वह गंभीर रूप से घायल हो गई थी। इस हादसे में महिला की दो चाची की मौत हो गई थी और बाद में उसके परिवार को कथित तौर पर धमकी भी मिली थी। उसके पिता को अवैध हथियार मामले में कथित रूप से फंसाया गया था और 3 अप्रैल, 2018 को गिरफ्तार किया गया था। 9 अप्रैल को न्यायिक हिरासत में रहते हुए उनकी मृत्यु हो गई।

National News inextlive from India News Desk