नहीं पता यूनिवर्सिटी का रास्ता

दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री जीतेंद्र तोमर के फर्जी डिग्री मामले में दिल्ली पुलिस को शुरुआती सफलता मिलती दिखाई पड़ रही है। मामले की जांच करने फैजाबाद पहुंची पुलिस टीम ने जब तोमर से उनके कॉलेज और यूनिवर्सिटी का रास्ता पूछा तो तोमर किसी भी प्रश्न का जवाब देने में असमर्थ दिखाई दिए। इसके बाद जब पुलिस उनको लेकर राम मनोहर लोहिया विश्वविद्यालय पहुंची तो तोमर ने यूनिवर्सिटी बिल्डिंग को कुछ इस तरह देखा कि जैसे वह इस जगह पर पहली बार आ रहे हों। जबकि तोमर ने दावा किया है कि वे इसी यूनिवर्सिटी से बीएससी की डिग्री प्राप्त कर चुके हैं। इसके साथ ही अवध विश्वविद्यालय के प्रवक्ता यू. एन. शुक्ला ने कहा कि तोमर की डिग्री से जुड़ा कोई भी दस्तावेज उपलब्ध नहीं है। ऐसे में तोमर की डिग्री फर्जी होने की बात सिद्ध होती दिख रही है।

कॉलेज कैंटीन और टीचर्स नहीं पता

यूनिवर्सिटी विजिट करने के बाद पुलिस टीम तोमर को लेकर उनके कॉलेज केएस साकेत कॉलेज पहुंची जहां से तोमर तीन साल तक पढ़ाई करने का दावा करते हैं। यहां पहुंचने पर भी जब तोमर से उनके क्लास टीचर्स के नाम, कॉलेज कैंटीन, उनकी क्लास आदि के बारे में पूछा गया तो तोमर के चेहरे से हवाइयां उड़ती दिखाई पड़ीं। थोड़ी देर पुलिस के सवालों के जवाब हां ना में देने के बाद तोमर ने चुप्पी साध ली। फैजाबाद के बाद दिल्ली पुलिस तोमर को लेकर भागलपुर के लिए रवाना होगी जहां उनकी लॉ की डिग्री की जांच की जाएगी।

नहीं हुई जोर-जबरदस्ती

आप सरकार द्वारा पूर्व कानून मंत्री को अपराधियों की तरह गिरफ्तार किए जाने पर काफी विरोध दर्ज किया गया था। लेकिन एक ताजा सीसीटीवी फुटेज में सामने आया है कि दिल्ली पुलिस ने बिना किसी जोर-जबरदस्ती के कानून मंत्री को अरेस्ट किया था। पुलिस का कहना है कि तोमर के जरिए एक रैकेट तक पहुंचने का रास्ता खुलता दिख रहा है।

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